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1 सितंबर 2024 का पंचांग: एक विस्तृत विश्लेषण

1 सितंबर 2024, विक्रम संवत 2081 का एक महत्वपूर्ण दिन है जो धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा हुआ है। इस पंचांग विश्लेषण में हम तिथि, नक्षत्र, योग और अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं की गहन जानकारी प्राप्त करेंगे और उनका प्रभाव समझेंगे।

तिथियां

1 सितंबर को कृष्ण पक्ष चतुर्दशी प्रातः 03:41 AM से प्रारंभ होती है और अगले दिन 02 सितंबर को 05:22 AM तक रहती है। इस तिथि में शिव उपासना का विशेष महत्व है। दिन में 05:22 AM से कृष्ण पक्ष अमावस्या प्रारंभ होती है और यह 03 सितंबर को 07:25 AM तक चलती है। अमावस्या पितृ पक्ष से संबंधित होती है और इस दौरान पितरों को श्रद्धांजलि देने का विधान है।

नक्षत्र

इस दिन दो नक्षत्र सक्रिय रहेंगे:

  • आश्लेषा: 31 अगस्त को 07:39 PM से 1 सितंबर को 09:48 PM तक रहता है, यह नक्षत्र बुध ग्रह से शासित है। आश्लेषा नक्षत्र अक्सर नए प्रोजेक्ट या कार्य आरंभ करने के लिए शुभ माना जाता है, यह स्वास्थ्य और धन वृद्धि लाता है।
  • मघा: 1 सितंबर को 09:48 PM से 3 सितंबर को 12:20 AM तक रहता है, यह नक्षत्र सूर्य ग्रह से शासित है। यह नक्षत्र नेतृत्व गुणों को बढ़ाता है और मान-सम्मान दिलाने में सहायक है।

योग

यह दिन दो योगों में विभाजित है:

  • परिघ: 31 अगस्त को 05:38 PM से 1 सितंबर को 05:49 PM तक रहता है। यह योग कुछ चुनौतियों का संकेत देता है, धैर्य और सावधानी की जरूरत है।
  • शिव: 1 सितंबर को 05:49 PM से 2 सितंबर को 06:19 PM तक रहता है। यह योग धार्मिक कार्यों और ध्यान के लिए शुभ है, शिवजी की उपासना इस दौरान फलदायी होगी।

सूर्य और चंद्रमा का समय

सुबह 6:13 AM पर सूर्योदय होगा और शाम 6:40 PM पर सूर्यास्त होगा। चंद्रमा का उदय 1 सितंबर को 4:24 AM होगा और अस्त होगा 1 सितंबर को ही 5:56 PM पर।

शुभ और अशुभ काल

इस दिन कुछ अशुभ समय भी रहेंगे जिनमें राहू काल (5:07 PM- 6:40 PM), यमगण्ड (12:26 PM- 2:00 PM), कुलिक (3:33 PM- 5:07 PM), और दुर्मुहूर्त (5:00 PM- 5:50 PM) शामिल हैं।

यह समय महत्वपूर्ण कार्य आरंभ करने, यात्रा, वाद-विवाद से बचने के लिए उपयुक्त नहीं माने जाते हैं।

साथ ही वर्ज्यम् (9:36 AM- 11:21 AM) समय में भी सावधानी बरतनी चाहिए।

शुभ समय में अभिजीत मुहूर्त (12:01 PM- 12:51 PM) विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। इस समय नए कार्य, शुभ प्रारंभ, और पूजा-पाठ के लिए सर्वोत्तम माना जाता है।

अमृत काल (08:03 PM- 09:48 PM) के दौरान सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव होगा।

ब्रह्म मुहूर्त (04:37 AM- 05:25 AM) आध्यात्मिक साधना के लिए उपयुक्त माना जाता है।

सितंबर 2024: इस पंचांग का प्रभाव

इस दिन की विभिन्न तिथियां, नक्षत्र, और योग आपके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर सकते हैं। अमावस्या के प्रभाव के कारण पितृ पक्ष का महत्व अधिक हो जाएगा और पितरों को श्रद्धांजलि देना अधिक फलदायी रहेगा।

शुभ योग शिव और अभिजीत मुहूर्त के साथ अमृत काल जैसे समय सकारात्मक बदलावों के लिए संभावनाएं लाते हैं।

सावधानी:

यद्यपि यह पंचांग विश्लेषण आपकी दैनिक गतिविधियों और decision-making को निर्देशित कर सकता है, लेकिन किसी भी major निर्णय से पहले qualified ज्योतिषी से परामर्श लेना आवश्यक है।

Take Away Points:

  • 1 सितंबर 2024 एक महत्वपूर्ण दिन है जो कई धार्मिक और ज्योतिषीय घटनाओं का केंद्र है।
  • अमावस्या और पितृ पक्ष के प्रभाव के कारण पितृ तर्पण और श्रद्धांजलि का महत्व अधिक है।
  • शिव योग, अभिजीत मुहूर्त और अमृत काल जैसे शुभ समय सकारात्मक outcomes को प्रभावित करते हैं।
  • राहू काल, यमगण्ड, कुलिक, दुर्मुहूर्त, और वर्ज्यम् जैसे अशुभ कालों में सावधानी आवश्यक है।
  • यह pंचांग सिर्फ guidance के लिए है और किसी भी major decision के लिए qualified ज्योतिषी से परामर्श लेना जरूरी है।