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वर्ष 2020 में कुल 13 पूर्णिमा पड़ रही हैं इसमें से सबसे खास पूर्णिमा आज है। खगोलविदों ने बताया कि आज रात आसमान में साल का पहला सुपरमून दिखाई देगा। सुपरमून के वक्त चांद पहले से ज्यादा बड़ा और चमकदार दिखाई देता है। पश्चिमी देशों के वैज्ञानिकों ने इसे ‘स्नो मून’ नाम दिया है।

यहां जानें सुपरमून में ये है खास…

चंद्रमा की पृथ्वी से सामान्य दूरी 4,06,692 किलोमीटर है, इसे अपोजी कहा जाता है। पृथ्वी से इसकी न्यूनतम दूरी 3,56,500 किलोमीटर बताई जाती है। इस पेरिजी कहते हैं, इस वक्त चंद्रमा और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती उसी दिन आसमान में सुपरमून दिखाई देता है।

सुपरमून के वक्त चांद अपने सामान्य आकार से ज्यादा बड़ा और चमकदार नजर दिखाई देता है। इस दिन चंद्रमा आकार में करीब 14 प्रतिशत बड़ा दिखाई देता है और इसकी चमक करीब 30 प्रतिशत ज्यादा होती है।

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नासा ने बताया कि सुपरमून का अस्तित्व पहली बार साल 1979 में सामने आया था, एस्ट्रोनॉमर्स ने इसे ‘पेरीजीन फुल मून’ नाम दिया था। 9 फरवरी के बाद साल 2020 के आखिरी सुपरमून मार्च, अप्रैल और मई के महीने में भी दिखाई दे सकते हैं.।इसके बाद पूरे साल आसमान में सुपरमून नहीं दिखाई देंगे।

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नासा के वैज्ञानिकों ने बताया कि रविवार देर रात ही सुपरमून दिखाई देगा। रविवार देर रात करीब 1 बजकर 03 मिनट पर आसमान में सुपरमून नजर आ सकता है।

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