श्री राम लला की आरती
दोहा-श्री हनुमत के चरन पकरि,करहुं राम गुनगान,माँ शारदा नमन तुम्हें,करो सदा कल्यान l
देवता सब रक्षा करैं, देहिं मोहि वरदान,महादेव अनुकूल हों,ह्रदय विराजो आन ll
श्रीरामलला की आरती,लिखै का करूँ प्रयास,राम चरन रज दो मुझे,मोहे पिया मिलन की आस l
मात भवानी दो मुझे अभय का तुम वरदान,विघ्नेश्वर मेरे विघ्न हरो,सदा रहो मेरे पास l
आरती कीजै श्री राम लला की,दशरथ नंदन जगत पिता की -2
1- जाकर नाम जपत सुख होई,सारद शेष जपत सब कोई,
जपते ब्रह्मा शम्भु भवानी,सुर नर मुनि,योगी और ज्ञानी
आरती कीजै……….
2- अवधपति प्रभु जानकी नाथा,हनुमत जपैं तुम्हारी गाथा ,
तुम जन-जन के स्वामी नाथा,तुम्हरो नाम जगत बिख्याता l
आरती कीजै……….
3- कलियुग में तुम्ही पार लगाओ,धर्म बचाओ पाप मिटाओ,
नास करो सब धर्म विरोधी,धरि के कल्कि रूप अति क्रोधी l
आरती कीजै……….
4- सत्य सनातन धर्म हमारा, मेट न पाये जो मेटन हारा,
राम नाम कलियुग का पारा,जब ले नित तू अखंड अपारा
आरती कीजै……….
5- रामलला की जो आरती गावै, अंत समय प्रभु हृदय में ध्यावै ,
कटै पाप सब और कलेसा, भव से मुक्ति देत जगदीसा l
आरती कीजै……….
दोहा – कलियुग में भव पार करे राम राम बस ,हनुमत रक्षा करें स्वयं,जो जप ले सियाराम
राम जपै सो भव तरै पावै मुक्ति अपार,दास “अनु” सियाराम की महिमा अपरंपार l
ll जय सियाराम ll