चाणक्य नीति- आचार्य चाणक्य अपने तार्किक कथनों के लिए जाने जाते हैं। कहते हैं यदि कोई व्यक्ति आचार्य चाणक्य के बातए हुए मार्ग पर चलता है तो उसका जीवन सुखमय व्यतीत होता है। वहीं उसे अपने जीवन की प्रत्येक परिस्थिति से बाहर निकलने का मार्ग पता चल जाता है।
आचार्य चाणक्य ने सुखी रहने से लेकर रिश्तों में सामन्जय बनाकर रखने के परिपेक्ष में कई बातें कहीं हैं। जो हर व्यक्ति के जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाती है। वहीं आज हम आपको आचार्य चाणक्य की उन तीन बातों के विषय मे बताने जा रहे हैं जिनके मुताबिक यदि आप अपना जीवन यापन करते हैं। तो आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय व्यतीत होगा और आपको कभी भी किसी प्रकार की समस्याओं से नहीं जूझना पड़ेगा।
सुखी दाम्पत्य जीवन के लिए आचार्य चाणक्य के तीन मंत्र-
सत्य-
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जब आप किसी के साथ जीवन पर्यंत के बंधन में बंध जाते हैं। तो आपको अपने साथी के साथ सत्य से जुड़ना चाहिए। उससे कोई भी बात नहीं छुपानी चाहिए। स्पष्टवादी होना चाहिए और अपने जीवन की प्रत्येक अच्छी और बुरी बात उसे खुलेमन से बतानी चाहिए।
आचार्य चाणक्य का मानना है कि यदि कोई व्यक्ति यह सब करता है और सत्य के साथ अपने साथी के लिए खड़ा रहता है। तो उसका दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है और उसे कभी भी जीवन मे कलह नहीं झेलनी पड़ती है।
समर्पण-
आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने साथी के प्रति समर्पित रहता है। सुख और दुख में उसका साथ देता है। हर परिस्थिति में उसका सहयोग करता है। अपनी चीजें उसपर थोपने की जगह उसकी चीजों को स्वीकार करता है और उसके प्रति नर्म स्वभाव रखता है। तो ऐसे व्यक्ति के जीवन मे दुख कभी नहीं आते हैं। व्यक्ति सदैव सुखी रहता है और घर कलह मुक्त रहता है।
प्रेम-
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि सुखी दाम्पत्य जीवन तभी कोई व्यक्ति व्यतीत कर सकता है। जब उसके और उसके साथी के मध्य प्रेम हो। निस्वार्थ प्रेम हो और व्यक्ति अपने साथी से सवाल न करके उसपर विश्वास करे। हर परिस्थिति में उसका साथ दे और प्रेम से अपने रिश्ते को सजाए।