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आध्यात्मिक- आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़े कई अहम पहलुओं पर चर्चा की है। वहीं उनका कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अपना धन किसी को सौंपना चाहता है तो उसे इन मूल नियमों को ध्यान में रखना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इस संसार मे धन प्रेम और समर्पण का दुश्मन है। व्यक्ति धन के लोभ में अपनों को भूल जाता है। वहीं जब माता पिता अपनी संतान को अपना सम्पूर्ण धन सौंप देते हैं। तो वही संतान अपने माता पिता का सम्मान करना छोड़ देती है।
चाणक्य का कहना था कि यदि आप अपनी सन्तान को अपनी संपत्ति सौंपने के विचार कर रहे हैं। तो कई बार सोचें क्योंकि धन आपके बच्चों का आपकी तरफ लगाव खत्म कर देगा। संतान को धन देने से पहले विचार करें और यह सोच समझ कर निर्णय लें कि आपकी संतान आपकी सम्पति से प्रेम करती है या आपसे। 
वहीं कभी भी अपनी संतान को अपने जीवित रहते हुए पूर्ण धन का मालिक न बनाएं। क्योंकि ऐसा करना आपको समस्याओं में डाल सकता है और आपको अपने बच्चों से दुर्व्यवहार झेलना पड़ सकता।