डेस्क। आचार्य चाणक्य एक महान कूटनीतिज्ञ, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ भी थें। वहीं इसके अलावा वे महान शिक्षक भी रहे थे। साथ ही उन्होंने अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण से बालक चंद्रगुप्त को सम्राट बना दिया था।
वहीं उनके द्वारा बताई गई नीतियों का पालन युवा आज भी जीवन को सफल बनाने के लिए करते हैं। साथ ही नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने लगभग हर क्षेत्र से संबंधित बातों का उल्लेख भी किया है। वहीं नीति शास्त्र में कुछ ऐसे लोगों के बारे में भी जिक्र किया है जो व्यक्ति के दुख को नहीं समझते हैं तो आइए जानें कौन से हैं वो लोग.
चोर – आचार्य चाणक्य के अनुसार चोर किसी भी व्यक्ति के दुख और दर्द को नहीं समझते है।
उसे सिर्फ चोरी से ही मतलब होता है और वो ये नहीं सोचता है कि किसी के घर पर चोरी करने से उस व्यक्ति को कितना नुकसान होगा बस वो सिर्फ चोरी करने पर ही ध्यान देता है।
स्वार्थी लोग – आचार्य चाणक्य के अनुसार स्वार्थी लोग सिर्फ अपने फायदे के बारे में ही सोचते हैं और ऐसे लोग सिर्फ अपने स्वार्थ के बारे में ही सोचते हैं।
साथ ही ऐसे लोग अपने स्वार्थ के आगे किसी के दुख और दर्द को नहीं समझते हैं और ऐसे लोगों से हमेशा दूरी बनाकर रखें।
नशेबाज लोग – आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रखनी भी चाहिए जिन्हें नशे की लत होती है और ऐसे लोग नशा करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं फिर बड़े से बड़ा जुर्म कर सकते हैं। साथ ही नशे के सामने ये किसी को कुछ नहीं समझते हैं और इन लोगों के साथ रहने से आपको भी नशे की लत लग सकती है।
वैश्या – वैश्या को भी सिर्फ अपने पैसों से ही मतलब होता है और उसे किसी के दुख और दर्द से कोई मतलब भी नहीं होता है।