img

Benefits of Tie Kalava on Basil : हिन्दू  धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। तुलसी का पौधा औषधि से लेकर व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उपयोगी है। तुलसी में माता लक्ष्मी का निवास होता है, देवी-देवताओं के भोग में यदि तुलसी की पत्ती डाली जाती है तो वह तृप्त होते हैं। तुलसी पूजा करने से व्यक्ति के घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। वही जब घर में तुलसी पूजा के लिए पंडित जी आते हैं तो वह उसमें कलावा बांध देते हैं। अब सवाल यह भी उठता है कि आखिर तुलसी के पौधे में कलावा बंधा क्यों जाता है। तो आइये जानते हैं- 

 क्यों तुलसी के पौधे में बांधा जाता है कलावा –

आध्यात्म के मुताबिक़ कलावा रक्षा सूत्र है। जब हम कलावा बांधते हैं तो हमारे संकट मिटते हैं और हमारे आस-पास से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। वही तुलसी के पौधे में कलावा बाँधने से घर में आर्थिक समस्या नहीं होती,  कलह मिटटी है और माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से व्यक्ति का घर सुख-समृद्धि से भरा रहता है। 

तुलसी के पौधे में कलावा बांधने के फायदे –

कुंडली दोष –

अगर आपकी कुंडली में कोई दोष है, आप शरीरिक समस्याओं परेशान रहते हैं। आप जिस कार्य को करने के लिए आगे बढ़ते हैं उसमें आपको असफलता मिलती है। तो आपको रोजाना तुलसी के तनें में कलावा बांधना चाहिए। इससे आपके कुंडली का दोष दूर होता है और आपको आर्थिक समस्याओं से छुटकारा मिलता है। 

सकारात्मक ऊर्जा का वास-

घर में यदि आप तुलसी की पूजा करते हैं, रोजाना तुलसी को शहद और मीठा जल अर्पित कर उसके तनें में लाल कलावा बांधते हैं तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है। 

 कोर्ट कचहरी के विवाद से छुटकारा –

अगर कोई कोर्ट-कचहरी के विवाद से घिरा है। तो उसे अपने घर के आँगन में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए  और रोजाना उसके तने में लाल कलावा बाँध कर  जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से आपको कोर्ट के विवाद से जल्द ही छुटकारा मिलता है। 

रिश्ते में मजबूती –

कई लोगों का दाम्पत्य जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहता है। पति-पत्नी के रिश्ते में सामंजस्य नहीं बैठता है। तो जोड़े को अपने घर में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और साथ में माता तुलसी की आराधना करते हुए लाल कलावा तुलसी के पौधे में बांधना चाहिए। ऐसा करने से आपके रिश्ते के मतभेद दूर होते हैं। आपका दाम्पत्य जीवन सुखमय व्यतीत होता है।