गणेश भगवान हिंदू धर्म के मुख्य देवताओं में से एक हैं। वे विद्या, बुद्धि, संयम, समृद्धि और समृद्धि के देवता होते हैं। उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है क्योंकि वे समस्त विघ्नों और अड़चनों को दूर करने के लिए जाने जाते हैं। उन्हें गजमुख और एकदंत भी कहा जाता है क्योंकि उनका शरीर हाथियों जैसा होता है और उनके शीष में एक ही दांत होता है। गणेश भगवान बुद्धि और विवेक की देवता होते हैं और हमेशा मानसिक शांति और समता को बनाए रखने की सलाह देते हैं।
गणेश भगवान की पूजा करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन कर सकते हैं:
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उपचार: गणेश भगवान की पूजा करने से पहले अपने हाथों को साफ करें और स्नान करें। फिर आसन पर बैठें और पूजा के लिए सामग्री तैयार करें, जैसे कि फूल, दीपक, धूप, अखंड ज्योति और प्रसाद।
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विधि: गणेश भगवान की पूजा का शुभ मुहूर्त देखकर तय करें। पूजा शुरू करने से पहले, गणपति मंत्र का जप करें और उन्हें अपने मन में ध्यान दें। फिर फूलों से उनकी माला बनाएं और धूप जलाएं। दीपक जलाकर गणेश भगवान के समक्ष उनकी पूजा करें और उन्हें प्रसाद चढ़ाएं।
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व्रत और उपवास: गणेश चतुर्थी, विनायक चतुर्थी और गणेश जयंती जैसे अवसरों पर, लोग गणेश भगवान के व्रत और उपवास रखते हैं।
भगवान गणेश के 51 नामों की लिस्ट-
- गणपति
- विघ्नेश्वर
- विनायक
- गणनाथ
- गजानन
- वक्रतुण्ड
- लम्बोदर
- सिद्धिविनायक
- महागणपति
- वक्रहस्त
- एकदंत
- मूषकवाहन
- नागबाला
- धूम्रवर्ण
- बालचंद्र
- हेरम्ब
- उमासुत
- मोदकप्रिय
- कपिल
- नटराज
- निर्विघ्न
- विघ्नहर्ता
- अंबिकानंदन
- अविघ्ना
- अखिलांडेश्वर
- अखिलेश
- अखुण्डध्येय
- अमेयात्मा
- अभयद
- अभयगुप्त
- अभयदायक
- अभिचारक
- अभिजित
- अभिमन्यु
- अभिराम
- अभिवाद्य
- अभ्रज
- अमितात्मन्
- अगजानन
- अगस्त्यजात
- अजगवेर
- अजस्रव
- अजत
- अजित
- अजितात्मन्
- अज्ञाननशन
- अट्ठहास्त
- अतिचण्ड
- अतुलगण्ड
- अतिथि
- अनन्तगणपति