ज्योतिष में द्वितीय भाव एवं मिथुन राशि मुँह, कान, नाक, गले, श्वास, फेफड़े, खाँसी को प्रदर्शित करती है । वर्तमान समय में मिथुन राशि में राहू, शनि मकर राशि में एवं बृहस्पति धनु राशि में केतु के साथ गोचर कर रहे है । राहू किसी चीज को फैलाता है एवं बृहस्पति किसी चीज़ को बढ़ाता है । मंगल साहस, पराक्रम, प्रतिरोधक क्षमता का भी कारक है ।
22 मार्च को मंगल अपनी उच्च राशि में प्रवेश करने जा रहे है, 30 मार्च को प्रातः बृहस्पति मकर में होंगे एवं 14 अप्रैल को सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में होंगे ।
अतः 30 मार्च को बृहस्पति के राशि बदलने के बाद कोरोना का भय कम होने की संभावना है । सूर्य को प्राण तत्व कहा जाता है । 14 अप्रैल के बाद सूर्य मज़बूत होते ही कोरोना पर नियंत्रण की भी संभावनाएं बन सकती है । ध्यान देने वाली बात यह है कि राहू सितंबर तक मिथुन राशि मे ही रहेंगे । जब तक राहू मिथुन राशि मे रहेंगे तब तक हमे सावधानी बरतनी चाहिए ।
सावधानी ही बचाव है ।
ज्योतिषाचार्य सुमित तिवारी