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Dhanteras 2023: आज से दिवाली के पर्व आरम्भ हो गए हैं। आज पूरा देश भगवान कुबेर को समर्पित धनतेरस का पर्व मना रहा है। मान्यता है कि आज के दिन जो व्यक्ति भक्ति भाव से भगवान कुबेर की अराधना करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। घर में सुख समृद्धि का धनतेरस के पावन पर्व के साथ आगमन होता है। वही आज इस लेख में हम जानेगे कैसे करें भगवान कुबेर की धनतेरस के दिन पूजा आरती और किस मंत्र से है भगवान कुबेर को सबसे अधिक प्रेम –

पूजा विधि:

आज धनतेरस के दिन सभी को अपने घर में भगवान कुबेर की पूजा आराधना करनी चाहिए। भगवान कुबेर की पूजा करने से पूर्व घर की अच्छे से साफ़ सफाई कर लेनी चाहिए। घर की सफाई के बाद मंदिर में कुबेर जी की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। उन्हें अच्छे से आसान पर बिठाना चाहिए और साफ़- सुंदर वस्त्र धारण करवाने चाहिए। घर में कुबेर जी के लिए अपनी श्रद्धा के अनुकूल भोग बनाना चाहिए। फिर दीप-धूप फल मेवा के साथ भगवान कुबेर की आरती करनी चाहिए। उनको धनिया जरूर अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही धनतेरस के दिन कोई नया सामान घर में खरीद कर अवश्य लाना चाहिए। 

कुबरे जी के मंत्र: 

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये

धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥

ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नमः॥

ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवाणाय, धन धन्याधिपतये। 

धन धान्य समृद्धि मे देहि दापय स्वाहा।

कुबेर जी की आरती:

ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे,

स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।

शरण पड़े भगतों के,

भण्डार कुबेर भरे ।

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,

स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।

दैत्य दानव मानव से,

कई-कई युद्ध लड़े ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

स्वर्ण सिंहासन बैठे,

सिर पर छत्र फिरे,

स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।

योगिनी मंगल गावैं,

सब जय जय कार करैं ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

गदा त्रिशूल हाथ में,

शस्त्र बहुत धरे,

स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।

दुख भय संकट मोचन,

धनुष टंकार करें ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,

स्वामी व्यंजन बहुत बने ।=

मोहन भोग लगावैं,

साथ में उड़द चने ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

बल बुद्धि विद्या दाता,

हम तेरी शरण पड़े,

स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।

अपने भक्त जनों के,

सारे काम संवारे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

मुकुट मणी की शोभा,

मोतियन हार गले,

स्वामी मोतियन हार गले ।

अगर कपूर की बाती,

घी की जोत जले ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥

यक्ष कुबेर जी की आरती,

जो कोई नर गावे,

स्वामी जो कोई नर गावे ।

कहत प्रेमपाल स्वामी,

मनवांछित फल पावे ॥

॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥