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डेस्क। इस साल दीपावली (Diwali 2022) के पर्व की शुरूआत 22 अक्टूबर शनिवार को धनतेरस के साथ होगी और इसका समापन 27 अक्टूबर, गुरुवार के दिन भाई दूज के साथ होगा। सूर्य ग्रहण के कारण इस बार दीपोत्सव 5 नहीं बल्कि 6 दिन तक मनाया जाना है। 
बता दें दीपावली को दीपोत्सव भी कहते हैं यानी दीपकों का उत्सव। दीपक भारतीय संस्कृति की पहचान के रूप में देखे जाते है। वहीं हर शुभ कार्य करते समय दीपक जरूर जलाना चाहिए। आपको बता दें कि दीपावली पर रमा एकादशी से ही दीपक जलाने की परंपरा है वहीं लक्ष्मी पूजा पर कितने दीपक जलाने चाहिए और क्यों.
जानिए कितने दीपक जलाएं लक्ष्मी पूजा में? (Lakshami Puja Mai Kitne Deepak Jalaye)
लक्ष्मी पूजा में आपको कितने दीपक जलाने चाहिए, इसके संबंध में किसी ग्रंथों में कोई उल्लेख नहीं मिलता है लेकिन आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि दीपक की संख्या 11, 21 या 51 हो और कभी भी 10, 20 या 30 दीपक न जलाएं। ऐसा इसलिए क्योंकि इन संख्याओं के पीछे शून्य होता है जो समाप्ति की ओर इशारा करता है वहीं 11, 21 या 51 की संख्या शकुन का स्वरूप होती है।
दीपक जलाते समय जरूर बोलें ये मंत्र (Deepak Mantra)
दीपक जलाते समय एक खास मंत्र का उच्चारण अवश्य करें। मान्यता है कि इस मंत्र को बोलने से व्यक्ति को शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
मंत्र-
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
दीपो ज्योति परंब्रह्म दीपो ज्योतिर्जनार्दन:।
दीपो हरतु मे पापं संध्यादीप नमोस्तुते।। 
जानिए इसका अर्थ- हे दीप ज्योति मेरा कल्याण करो, अच्छी सेहत और धन-संपदा मुझे प्रदान करो। शत्रुओं से मेरी रक्षा करो, मैं आपको नमस्कार करता हूं। आप ही परब्रह्म का प्रतीक हो, आप मेरे सभी पापों का नाश करो।
किसी भी शुभ कार्य से पहले क्यों जलाते हैं दीपक? (Why do we light a lamp before auspicious work?)
हिंदू धर्म में दीपक को ज्ञान और रोशनी का प्रतीक माना गया है। इसे अग्निदेव का प्रतिनिधि भी कहा जाता है। दीपक हमारे हर शुभ कार्य का साक्षी होता है। यही कारण है हर शुभ कार्य से पहले दीप प्रज्वल्लन की परंपरा जरूर निभाई जाती है। आमतौर पर विषम संख्या जैसे 11, 21 में ही दीपक जलाएं जाते हैं। विशेष मौकों पर घी का दीपक लगाया जाता है। मान्यता है कि घी का दीपक लगाने से घर में लक्ष्मी का स्थाई रूप से निवास होता है।