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दीपावली का त्योहार हिंदुओं के लिए बहुत ही मुख्य त्योहार होता है। इस बार दीपावली का पर्व 27 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा। प्रति वर्ष दिवाली का पर्व अमावस्या के दिन पड़ता है।

हिन्दू पंचाग के अनुसार दीपावली पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है। कई वर्षों के बाद इस बार दीपावली में दो अमावस्‍या पड़ रही हैं। ज्योतिषों के मुताबिक, ऐसा होने पर मां लक्ष्‍मी की असीम कृपा बरसती है। घर में धन-धान्‍य आने के अलावा पति की उम्र भी बंढती है।

27 अक्टूबर को अमावस्या तिथि 11.30 बजे से ही प्रारम्भ हो जाएगी, जो कि अलगे दिन सुबह 9.23 बजे तक रहेगी। आयुष्यमान और सौभाग्य योग रहेगा। ऐसे में दीपावली, चतुर्दशी तिथि से लगी हुई अमावस्या को मनाई जाएगी। इस कारण उदया तिथि के अनुसार दीपावली का त्योहार नहीं मनाया जाएगा। दीपावली के दूसरे दिन यानि की सोमवार को उदया तिथि होगी जो कि अमावस्या पड़ने की वजह से महत्वपूर्ण है।

दिवाली की पूजा विधि…
– दिवाली पूजन में सबसे पहले श्री गणेश का ध्यान करें।
– इसके बाद देवी लक्ष्मी का पूजन शुरू करें। मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पूजा स्थान पर रखें।
– मूर्ति में मां लक्ष्मी का आवाहन करें।
– हाथ जोड़कर उनसे प्रार्थना करें कि वे आपके घर आएं।
– इत्र अर्पित कर कुमकुम का तिलक लगाएं।
– अब धूप व दीप जलाएं और माता के पैरों में गुलाब के फूल अर्पित करें।
– इसके बाद बेल पत्थर और उसके पत्ते भी उनके पैरों के पास रखें।
– 11 या 21 चावल अर्पित कर आरती करें।
– आरती के बाद उन्हें भोग लगाएं।