आध्यत्मिक– आज शुक्रवार के दिन प्रदोष व्रत है। प्रदोष व्रत एकादशी के दिन पड़ता है। प्रदोष व्रत में भगवान शंकर की विधि पूर्वक पूजा की जाती है। कहते हैं जो भी व्यक्ति भगवान शिव की प्रदोष व्रत के दिन विधि पूर्वक पूजा करता है। शिव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत के दिन शिव की पूजा करने से सभी क्लेश दूर होते हैं। घर मे सुख समृद्धि का वास होता है। सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। वही अगर कोई स्त्री पुत्र प्राप्ति की इच्छा के साथ प्रदोष व्रत रखती है तो शिव उसको गुणकारी पुत्र देते हैं।
वही अगर आप भी प्रदोष व्रत करते हैं। तो आपको शिव की विधि पूर्वक पूजा करने के बाद उनकी आरती जरूर करनी चाहिए। वैसे तो भगवान शंकर की कई आरतियां है लेकिन अगर आप प्रदोष व्रत में शिव की नीचे बताई गई आरती करते हैं तो भगवान शंकर की आपपर कृपा बरसेगी।
जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा
।।ॐ जय शिव..॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजे
हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे
।।ॐ जय शिव..
दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।
त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे
॥ ॐ जय शिव..॥
अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी
॥ ॐ जय शिव..॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे
॥ ॐ जय शिव..॥
कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता ।
जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता
॥ ॐ जय शिव..॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका
॥ ॐ जय शिव..॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी ।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी
॥ ॐ जय शिव..॥