Chaturmas 2022 Benefit and Niyam: इस साल चातुर्मास 10 जुलाई से शुरू हो गए हैं। पंचांग की माने तो चातुर्मास का प्रारंभ आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से होता है। साथ ही इसका समापन कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को होगा। चातुर्मास धार्मिक कार्यों के लिए सबसे उत्तम मास माना जाता है वहीं इस दौरान किसी भी मांगलिक कार्य पर पाबंदी होती है। चातुर्मास के दैरान कई तरह के नियमों का पालन किया जाए तो इसके अनगिनत फायदे मिलते हैं।
जानिए चातुर्मास के नियम ( Chaturmas 2022 Niyam)
चातुर्मास के दौरान व्रत करना चाहिए।
चातुर्मास के दौरान जमीन पर सोना चाहिए और बेड चारपाई आदि पर नहीं।
इस दौरान सूर्योदय से पहले उठना चाहिए।
इन दिनों में अच्छी तरह से स्नान दान करना चाहिए।
चातुर्मास के 4 महीनों में जितना संभव हो पाए अधिकतर समय मौन रहना चाहिए।
दिन में केवल एक बार भोजन करना चाहिए और रात्रि के समय में केवल फलाहार रखना उत्तम माना गया है।
इन 4 महीनों में ब्रहमचर्य का पालन करना चाहिए।
चातुर्मास के दौरान प्रतिदिन सत्संग और सूर्य नमस्कार करना चाहिए।
चातुर्मास में प्रतिदिन सुबह-शाम को भगवान शिव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।
चातुर्मास में 5 तरह के दान करने का नियम है- ये 5 प्रकार के दान हैं- अन्नदान, वस्त्र दान, दीपदान , श्रमदान और छायादान।
चातुर्मास के फायदे ( Chaturmas 2022 Benefit)
चातुर्मास के नियमों को पालन करने के कुछ प्रमुख फायदे होते हैं।
स्वस्थ जीवन रोगों से छुटकारा मिलेगा।
मानसिक संताप मिटेगा और किसी प्रकार का भय या चिंता नहीं होगी।
सभी प्रकार की मनोकामना पूरी हो जाएंगी जीवन की सारी इच्छाएं भी पूर्ण होगी।
सभी तरह के पापों का नाश होगा और जाने अनजाने में हुए पापों से मुक्ति भी मिलेगी।
सभी प्रकार के मानसिक विकार बस नियमों के पालन से स्वतः ही ख़त्म हो जायेंगे।
पितृ दोष से भी मुक्ति मिलेगी और पितरों का आशीर्वाद बना रहेगा।
भगवान विष्णु और शिव की कृपा दृष्टि बनी रहेगी।
सुख समृद्धि और शांति की भी प्राप्ति होगी। घर परिवार में धन का आगमन बना रहेगा।
भाई-बंधु का प्यार सहयोग की प्राप्ति होगी।
जीवन में आत्म संयम, त्याग, विशवास और समर्पण का विकास होगा।