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Garuda Purana: मृत्यु अटल सत्य है। जिसका जन्म हुआ है उसका अंत निश्चित है। मृत्यु पर यदि कोई चाहे तब भी विजय नहीं प्राप्त कर सकता। लेकिन आपको किस प्रकार की मृत्यु आएगी और मृत्यु के पश्चात आपकी क्या गति होगी। इसका निर्धारण आपके कर्म करते हैं। आप जिस प्रकार के कर्म करने आपको उसके अनुकूल मृत्यु मिलेगी। कई लोगों की मृत्यु सुखमय होती है तो कई लोग अनेकों दुःख भोगते हुए मृत्यु की गति को प्राप्त करते हैं। 

वही जब किसी के अपने की मृत्यु हो जाती है तो परिजन उसकी सभी वस्तुओं को संभाल कर रखते हैं। कुछ लोग मृतक व्यक्ति के वस्त्र भी उसकी याद समझ कर संभाल कर रखते हैं तो कुछ लोग उन वस्त्रों को धारण करना आरम्भ कर देते हैं। वही गरुण पुराण में मृतक व्यक्ति के वस्त्र धारण करने को लेकर बड़ी बात कही गई है। गरुण पुराण के मुताबिक किसी भी व्यक्ति को मृतक व्यक्ति के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इससे व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है। तो आइये जानते हैं मृतक व्यक्ति के वस्त्र धारण करने से क्या पड़ता है प्रतिकूल प्रभाव – 

क्यों नहीं पहनने चाहिए मृतक के वस्त्र :

गरुण पुराण के मुताबिक़ जिस व्यक्ति की मृत्यु हुई है उसका उसकी वस्तुओं के साथ लगाव रहता है। अगर कोई व्यक्ति मृतक के वस्त्र धारण करता है तो मृतक की आत्मा उस व्यक्ति की तरफ आकर्षित होती है। क्योंकि मरता व्यक्ति का शरीर है उसकी आत्मा सदैव जीवित रहती है

मृतक के कपड़े पहनने वाले व्यक्ति का मृतक से जुड़ाव बढ़ सकता है। उसे एक नीवन ऊर्जा की अनुभूति हो सकती है और हो सकता है उस व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका निगेटिव प्रभाव भी देखने को मिले। ऐसे में यदि कोई आपका नजदीकी परलोक वासी हो गया है तो आपको उससे जुडी वस्तुओं को संभाल कर नहीं रखना चाहिए। उसकी सभी वस्तुओं को दान करना ही नैतिक नियम है।