आध्यात्मिक– मासिक धर्म महिलाओं के जीवन की एक प्रक्रिया है। इसके बिना महिला का मानो कोई अस्तित्व ही नही है। लेकिन मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को समाज मे आज भी कई प्रकार के अंधविश्वास से जूझना पड़ता है। कई लोग अपने घर की महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान रसोईघर में प्रवेश नहीं करने देते तो कई लोग उन्हें घर मे पृथक रखते हैं। लेकिन इस सबके बीच एक बात जिससे महिलाओं को सबसे ज्यादा जूझना पड़ता है वो है अपने आराध्य अपने ईष्ट की पूजा अर्चना न करना।
लोगों का मानना है कि मासिक धर्म के दौरान महिलाएं अपवित्र हो जाती हैं। उन्हें इस दौरान मंदिर में प्रवेश नहीं करना चाहिए और भगवान की वस्तुओं को स्पर्श नहीं करना चाहिए। वहीं अब मासिक धर्म के दौरान स्त्री ईश्वर का ध्यान और जाप कर सकती है या नहीं इस परिपेक्ष्य में वृंदावन के स्वामी संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज जी का एक वीडियो वायरल हुआ है।
वीडियो में स्वामी जी कहते हैं, मासिक धर्म महिला के जीवन का अभिन्न अंग है। यदि किसी महिला को मासिक चक्र आ रहा है और वह अपने ईष्ट के ध्यान के बिना नहीं रहना चाहती। तो वह अपने मन मे अपने आराध्य का ध्यान कर सकती है और उनके नाम का जितनी बार चाहे जाप कर सकती है। लेकिन उसे इस दौरान माला लेकर अपने ईष्ट का जाप नहीं करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा, महिलाओं को ईश्वर को स्पर्श न करते हुए उनके ध्यान में लीन रहना चाहिए। क्योंकि अगर आप मासिक धर्म के दौरान भगवान का ध्यान करते हैं तो आपको व्याकुलता नहीं होती है और आपका मन शांत रहता है।