आज पूरे देश में गोवर्धन मनाया जा रहा है। दीपावली के दूसरे दिन पूरे देश में गोवर्धन पूजा की जाती है। यह प्रकृति की पूजा है जिसका आरम्भ भगवान श्री कृष्ण ने किया था। इस दिन प्रकृति के आधार, पर्वत के रूप में गोवर्धन की पूजा की जाती है और समाज के आधार के रूप में गाय की पूजा जाता है। इस पूजा की शुरुआत ब्रज से शुरू हुई थी और धीरे-धीरे पूरे भारत वर्ष में माने जाने लगी।
गोवर्धन की पूजा करने का तरीका…
- वेदों में बताया गया है कि इस दिन वरुण, इंद्र, अग्नि की पूजा की जाती है।
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इस दिन गायों का श्रृंगार करके उनकी आरती की जाती है और उन्हें फल और मिठाइयां खिलाई जाती हैं।
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गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की प्रतिकृति बनाई जाती है।
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इसके बाद उसकी पुष्प, धूप, दीप से पूजन किया जाता है।
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भोजन में विविध प्रकार के पकवान बनाकर भोग लगाया जाता है।
आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने के लिए करें ये काम….
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गाय का स्नान कराकर उसका तिलक जरूर करें।
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उसे फल और चारा भी खिलाएं।
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गाय की सात बार परिक्रमा जरूर करें।
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गाय के खुर के पास की मिट्टी जरूर ले लें।
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इसे कांच की शीशी में अपने पास सुरक्षित रख लें।
संतान प्राप्ति के लिए उपाय…. -
दूध, दही,शक्कर, शहद और घी से पंचामृत तैयार करें।
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इसमें गंगाजल और तुलसी भी मिलाएं।
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भगवान कृष्ण को शंख में भरकर पंचामृत अर्पित करना चाहिए।
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इसके बाद “क्लीं कृष्ण क्लीं” का 11 माला जाप करना चाहिए।
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इसके बाद पंचामृत ग्रहण करना चाहिए, आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।