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डेस्क। Govardhan Puja 2022: गोवर्धन पूजा के दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व होता है। इस मौके पर देशभर के मंदिरों में धार्मिक आयोजन और अन्नकूट यानि भंडारे का आयोजन किया जाता हैं।
Govardhan Puja: हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा की जाती है वहीं हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। गोवर्धन पूजा को अन्न कूट का त्यौहार भी कहते हैं और यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है लेकिन उत्तर भारत में खासकर मथुरा, वृंदावन, नंदगांव, गोकुल, बरसाना में इसकी भव्यता और भी बढ़ जाती है।
मान्यता है कि स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने गोकुल के लोगों को गोवर्धन पूजा के लिए प्रेरित किया था और देवराज इंद्र के अहंकार को तोड़ा था।
गोवर्धन पूजा हर साल दिवाली के दूसरे दिन की जाती है पर आज सूर्य ग्रहण होने की वजह से गोवर्धन का पर्व आज न मनाकर 26 अक्टूबर को मनाया जाना है। वहीं इस दिन भगवान कृष्ण, गोवर्धन पर्वत और गायों की पूजा भी की जाती है। गोवर्धन पूजा के दिन श्रीकृष्ण भगवान को 56 या 108 तरह के पकवानों का भोग भी लगाया जाता है। इन्हीं पकवानों को अन्नकूट बोला जाता है।

गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त

गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त – 06:29 एएम से 08:43 एएम तक है
अवधि – 02 घंटे 14 मिनट
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 25, 2022 को 04:18 पीएम से
प्रतिपदा तिथि समाप्त – अक्टूबर 26, 2022 को 02:42 पीएम पर

गोवर्धन पूजा की विधि

गोवर्धन पूजा करने के लिए सबसे पहले घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन का चित्र बनाएं। अब इसके बाद रोली, चावल, खीर, बताशे, जल, दूध, पान, केसर, फूल और दीपक जलाकर गोवर्धन भगवान की पूजा करें।  वहीं मान्यता है कि इस दिन पूरे विधि विधान से गोवर्धन भगवान की पूजा करने से सालभर भगवान श्री कृष्ण की कृपा आप पर बनी रहती है।