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आध्यात्म: महाबली हुनमान जी को संकटमोचन के नाम से जाना जाता है। मान्यता है हनुमान जी की पूजा-आराधना जो भी सच्चे मन से करता है उसके सभी दुःख दूर होते हैं। घर में बुजुर्ग कहते हैं जब कोई संकट आए या भय लगे तो हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। बच्चा-बच्चा यह कहता मिल जाता है कि संकट कटे मिटे सब पीरा जो सुमिरै हनुमत बल बीरा। वही आज हम आपको हनुमान की के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं जहाँ हनुमान जी की प्रतिमा एक डॉक्टर के रूप में है।  

हनुमान की की डॉक्टर रूप में प्रतिमा मध्यप्रदेश के भिंड में जिले के दंदरौआ धाम में स्थित है। लोग बड़ी आस्था के साथ अपनी समस्या लेकर हनुमान जी के इस मंदिर में जाते हैं। लोगों का दावा है कि बीमारी कितनी भी गंभीर क्यों न हो डॉक्टर हनुमान जी के मंदिर में उसका इलाज संभव है। वहाँ से कोई भी व्यक्ति निराश नहीं लौटता। हनुमान जी सभी की समस्याओं का हल खोजते हैं। 

मान्यता है कि एक संत शिवकुमार दास था। उसे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो गई। उसने कई जगह इसका इलाज करवाया लेकिन वह ठीक नहीं हुआ। उसने आपने जीवन से सभी उम्मीदें छोड़ दीं थीं। एक दिन उसे उस मंदिर स्थल में हनुमान जी मिले हनुमान जी उसे डॉकटर के वेश में मिले। उन्होंने गले में आला डाल रखा था। जैसे वह उनसे मिला तो कुछ दिनों में एक दम स्वस्थ्य हो गया। तभी से  दंदरौआ धाम में डॉक्टर हनुमान जी की पूजा का प्रावधान है। 

मान्यता यह भी है कि अगर कोई व्यक्ति अपना इलाज नहीं करवा पा रहा है। लाखों के खर्च के बाद भी उसकी पीड़ा नहीं दूर होती है तो वह इस मंदिर में पूजा करके अपने कष्ट मिटा सकता है। मंगलवार के दिन मंदिर में काफी भीड़ होती है ,कहते हैं मंदिर के महज पांच परिक्रमा करने से व्यक्ति के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।