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आध्यत्मिक- जीवन मे हम हर चीज बहुत ही जल्दबाजी के साथ हासिल करना चाहते हैं। हमारी सदैव यही अभिलाषा रहती है कि हम एक झटके में आसमान को छू लें।
लेकिन आसमान तक पहुंचने की अभिलाषा में हम यह देखना भूल जाते हैं कि जल्दबाजी के चक्कर मे हम अपना कितना नुकसान कर रहे हैं और कितने लोगों को ठेस पंहुचा रहे हैं।
कोई भी व्यक्ति जब समय के चक्र को लांघ कर अपनी सफलता रचता है। तो उसका नीचे गिरना निश्चित है क्योंकि आपको वहीं मिलता है जो समय ने आपके लिए निर्धारित किया है। 
वहीं यदि आप धैर्य के साथ समय के नियमों को स्वीकार करते हुए संघर्ष करते हैं तो आप आसानी से अपनी मंजिल तक पहुँच जाते हैं।
लेकिन अगर आप धैर्य नहीं रखते हैं और समय को काटकर जल्दबाजी में अपनी सफलता को निर्धारित करते हैं तो आप भले ही सफल हो जाएं। लेकिन आप सुखी नहीं हो सकते। क्योंकि यह सफलता आपको मानसिक तनाव से अधिक कुछ नहीं दे सकती है।
वहीं जब आप धैर्य के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं तो समय के हिसाब से आप सफल हो जाते हैं और आपको आपके धैर्य का फल मिलता है और आप आनंद के साथ अपनी मंजिल हासिल करते हैं।