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डेस्क। इस साल होली का त्योहार 18 मार्च को मनाया जाएगा। होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है यह आठ दिन पहले से होलिका दहन तक रहते हैं। धार्मिक मान्यताओं की माने तो होलाष्टक के दौरान किसी भी मांगलिक कार्य करने पर पाबंदी होती है। इसी कारण होलाष्टक प्रारंभ होने के साथ ही शुभ कार्यों पर रोक लग जाती है। माना जाता है कि होली से 8 दिन पहले तक सभी ग्रहों को स्वभाव उग्र हो जाता है इसी लिए सभी ग्रहों की स्थिति को शुभ नहीं माना जाता है। होलाष्टक की अवधि के दौरान किये गए मंगल कार्यों का फल प्राप्त नहीं होता है।

होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से प्रारंभ हो जाते हैं और फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है। होलिका के जलने के साथ होलाकष्ट भी समाप्त हो जातें हैं। इस बार होलाष्टक 10 मार्च से लगेंगे। फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि 10 मार्च को 02 बजकर 56 मिनट पर लग जाएगी इसी के साथ होलाकष्ट प्रारंभ होगा। होलिका दहन 17 मार्च को होगा इसके साथ में ही होलाष्टक का अंत हो जाएगा।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति होलाष्टक के दौरान मांगलिक कार्य करता है तो उसे मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, सारे काम उल्टे हो जाते हैं। इतना ही नहीं व्यक्ति के जीवन-घर में कलह और अकाल मृत्यु का खतरा भी मंडराने लगता है।