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आध्यात्मिक– कई लोग छल कपट नहीं समझ पाते हैं और हर किसी को अपना हितैषी समझकर बैठ जाते हैं। लेकिन जब बाद में वही हितैषी पीठ में छुरा खोपता है तो हमे अत्यधिक तकलीफ होती है। हमारा मन परेशान होने लगता है और हम खुदको ही कोसने लगते हैं। 
वही आचार्य चाणक्य ने कुछ ऐसी बाते चाणक्य नीति में बताई है। जिनके माध्यम से आप आसानी से यह पता लगा सकते हैं कि कौन आपका हितैषी है और कौन आपको धोखा दे रहा है।
चाणक्य नीति के मुताबिक यदि कोई आपका बहुत करीबी है और वह आपसे घुमा फिरा कर बात करता है। तो ऐसे लोग कभी आपसे सही चीजे नही बताते। इनके मन मे हमेशा द्वेष की भवना रहती है। यह एक ऐसे जहरीले सांप की तरह होते हैं जो मौका देखते ही आपको डस लेते हैं। सभी को ऐसे लोगो से सावधान रहना चाहिए जो लोग घुमाफिरा कर बात करते हैं।
चाणक्य नीति के मुताबिक कई लोग ऐसे होते हैं जो अपने काम के समय तुम्हें हर परिस्थिति में अपने साथ देखना चाहते हैं। लेकिन जब तुम्हे उनकी जरूरत होती है तो यह लोग तरह तरह के बहाने बनाते हैं और आपकी जरूरत पर आपके साथ नही मौजूद होते हैं। चाणक्य नीति के मुताबिक आपको हर उस व्यक्ति से सावधान रहना चाहिए जो बहाने बनाता हो और आपके संकट के समय आपका साथ न निभाता हो।