Astro: हमने कई बार देखा है कि कुछ जातक ऐसे होते हैं जिनकी कुंडली मे ग्रहों की स्थिति ठीक नहीं होती। उनके ग्रहों में बिगडी हुई ग्रह स्थिति उनके जीवन मे काफी उथल पुथल मचाए रहती है। वही ज्योतिष के अनुसार यदि किसी व्यक्ति पर ग्रहों की स्थिति का नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है तो उसे कुछ उपायों के माध्यम से शान्त किया जा सकता है। वही वेद व्यास ने इन ग्रहों के प्रभाव को कम करने के लिए एक श्लोक की रचना की है जो भी व्यक्ति नो ग्रह श्लोक का जाप करता है उसके ग्रहों की दशा ठीक रहती है और उसे नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव से मुक्ति मिलती है। तो आइए जानते हैं नो ग्रह श्लोल जिसके जाप मात्र से सुधरती है ग्रहों की स्थिति…..
सूर्य;-
जपाकुसुम सङ्काशं काश्यपेयं महाद्युतिम् |
तमोऽरिं सर्व पापघ्नं प्रणतोस्मि दिवाकरम् ‖
चन्द्रः
दधिशङ्खतुषाराभं क्षीरोदार्णवसम्भवम् ।
नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम् ॥
मंगल :-
धरणी गर्भ सम्भूतं विद्युत्कान्ति समप्रभम् |
कुमारं शक्तिहस्तं तं मङ्गळं प्रणमाम्यहम् ‖
बुधः
प्रियङ्गुकलिकाश्यामं रूपेणाप्रतिमं बुधम् ।
सौम्यं सौम्यगुणोपेतं तं बुधं प्रणमाम्यहम् ॥
गुरु:
देवानां च ऋषीणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम् |
बुद्धिमन्तं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम् ‖
शुक्रः
हिमकुन्द मृणाळाभं दैत्यानं परमं गुरुम् |
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम् ‖
शनिः
नीलाञ्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम् |
छाया मार्ताण्ड सम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम् ‖
राहू:-
अर्धकायं महावीरं चन्द्रादित्य विमर्धनम् |
सिंहिका गर्भ सम्भूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम् ‖
केतु:-
फलाश पुष्प सङ्काशं तारकाग्रहमस्तकम् |
रौद्रं रौद्रात्मकं घोरं तं केतुं प्रणमाम्यहम् ‖