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Karwa Chauth Vidhi: पति-पत्नी का रिश्ता सबसे पवित्र रिश्ता है। पत्नी अपने पति की लम्बी उम्र और उत्तम स्वास्थ्य के लिए करवा चौथ (karwa chauth) का व्रत रखती हैं। मान्यता है कि करवा चौथ (karwa chauth) का व्रत रखने से पति दीर्घायु होता है और दोनों के जीवन में अटूट प्रेम बना रहता है। करवा चौथ (karwa chauth) का व्रत निराजलि रहा जाता है शाम को पत्नी चाँद देखने के बाद अपने पति के हाथ से पानी पीती है और अपना करवा चौथ (karwa chauth) का व्रत खोलती है। हिन्दू मान्यता के मुताबिक प्रत्येक शादी शुदा महिला को करवा चौथ (karwa chauth) का व्रत करना चाहिए। वही आज हम आपको इस लेख में बताने जा रहे हैं करवा चौथ (karwa chauth) व्रत की विधि और कथा। 

जानें करवा चौथ का शुभ मुहूर्त: (Karwa Chauth 2023: Date And Puja Time):

कब मनाया जाता है करवा चौथा; कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 

कब है 2023 करवा चौथ: 1 नवंबर 2023 बुधवार 

करवा चौथ पूजा शुभ मुहूर्त-शाम 5:36 बजे से 7:00 बजे तक

व्रत का शुभ मुहूर्त-सुबह 6:33 बजे से शाम 8:15 बजे तक

चाँद निकलने का शुभ मुहूर्त: 8: 20 अनुमानना 

करवा चौथ की पूजा की सामग्री :

पान

कलश

फल- फुल

हल्दी लकड़ी का आसान

दूध

दही

शक्कर का भूरा

रोली

मिठाई

छलनी

जल

दीपक

करवा माता की फोटो

लोटा

पंजीरी 

फरा 

करवा चौथ (karwa chauth) व्रत कथा: 

करवा चौथ की कथा करवा माता की अपने पति की प्राणों की रक्षा की कहानी है. करवा माता पति के साथ तुंगभद्रा नदी के पास रहती थीं। एक दिन स्नान करते समय एक मगरमच्छ ने करवा माता के पति के पैर को पकड़ लिया। ये देखकर करवा एक कच्चे धागे से मगरमच्छ को पेड़ से बांध दिया. करवा माता के सतीत्व के बल के कारण मगरमच्छ धागे को तोड़ नहीं पाया। 

करवा माता ने यमराज से अपने पति के प्राणों की रक्षा करने की प्रार्थना करने लगीं. यमराज ने कहा कि मगरमच्छ की आयु अभी शेष है लेकिन उनके पति की आयु पूरी हो चुकी है। यह सुन करवा माता ने कहा अगर आप मेरे पति को अपने साथ ले गए तो आपको श्राप दे दूंगी। श्राप से भयभीत यमराज ने करवा माता के पति जीवनदान दे दिया। इसलिए करवा चौथ के दिन महिलाएं करवा माता की तरह अपने सुहाग की रक्षा का आशीर्वाद मांगती हैं।