सावन: सावन का महीना चल रहा है हर कोई शिव की पूजा आराधना कर उन्हें प्रसन्न करना चाह रहा है। लोग सावन के सोमवार का व्रत रख रहे हैं। शिव पर दूध और गंगाजल का अभिषेक कर रहे हैं। वही अगर हम बार रुद्राभिषेक की करे तो सावन के महीने मे इसका अत्यधिक महत्व है। लोग अपने कष्टों को काटने के लिए ओर अपने घर परिवार पर महाकाल की कृपा पाने के लिए रुद्राभिषेक करवाते हैं। लेकिन धार्मिक ग्रंथों में रुद्राभिषेक के कई फायदे बताए गए हैं। तो आइए जानते हैं रुद्राभिषेक से होने वाले फायदो के बारे में…
शिव पुराण में कहा गया है कि रुद्राभिषेक वैसे तो प्रत्येक कष्ट को हर लेता है और इसको करवाने से आपके जीवन में सुख आता है। लेकिन रुद्राभिषेक करवाते समय द्रव का विशेष ध्यान रखना चाहिए शिव पुराण के अनुसार आप जिस भी उद्देश्य से रुद्राभिषेक करवा रहे हैं आपको उसी द्रव के साथ रुद्राभिषेक करवाना चाहिए। वही हर एक चीज के अभिषेक का अलग महत्व है।
शिव पुराण कहता है कि यदि आप जल से रुद्राभिषेक करते हैं तो इससे वृष्टि होती है। अगर आप कुशा जल से रुद्राभिषेक करते हैं तो यह रोग, दुःख से मुक्ति दिलाता है। दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है। गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। मधु युक्त जल से अभिषेक करने पर धन वृद्धि होती है। तीर्थ जल से अभिषेकक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है ।दूध से रुद्राभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति, प्रेम रोग की शान्ति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती है। गंगाजल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। दूध शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि प्राप्ति होती है। घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है। सरसों के तेल से अभिषेक करने पर रोग तथा शत्रु का नाश होता है। शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने पर पाप दूर होते हैं ओर जीवन मे खुशियां बनी रहती है।