आध्यात्मिक– माता दुर्गा को समर्पित नवरात्रि का पावन पर्व 22 मार्च से शुरू हो गया है। नवरात्रि का समापन 30 मार्च हो गया। लोग बड़े विधि-विधान से माता दुर्गा की पूजा अर्चना करते हैं।
वहीं घर में कोई भी शुभ काम होता है तो हमारे बुजुर्ग उसे नवरात्र में करने की सलाह देते हैं। आध्यायम के मुताबिक अगर कोई शुभ काम नवरात्र के दिनों होता है तो उस काम को माता का आशीर्वाद प्राप्त होता है और व्यक्ति सुखी रहता है।
लेकिन इस सबके बीच एक बात हमेशा हमारे दिमाग मे खटकती रहती है। कि जब नवरात्र के पावन दिनों में सभी मांगलिक काम किए जा सकते हैं तो शादी विवाह इन दिनों में क्यों नहीं होता है। धर्म गुरुओं का कहना है कि शादी में दो लोग आपस मे मिलते हैं। इसका मुख्य उद्देश्य संतान उत्पत्ति होता है।
नवरात्रि के दिन दुर्गा माता पृथ्वी पर आती है। उनका हर घर में वास होता है। नवरात्र के दिन सहवास करना उचित नहीं होता है। लेकिन विवाह के बाद यह होना स्वभाविक है। इसलिए नवरात्रि में विवाह नहीं किया जाता है।