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ज्ञान- संसार मे वैसे तो प्रत्येक व्यक्ति धन की लालसा रखता है। सभी को यह अभिलाषा होती है कि वह अपने प्रयास से इस विश्व को जीत ले। ज्यादातर लोगों को यह लगता है कि विश्व जीतने के लिये उनके पास अपार धन होना आवश्यक है। लेकिन वास्तव में विश्व को जीतने के लिए धन की नहीं कुशल नेतृत्व और विनम्रता की आवश्यकता होती है।

ज्ञानात्माओं का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति विश्व को जीतने की लालसा रखता है। उसके मन में यह विचार आता है कि हर कोई उसकी ओर आकर्षित हो। वह जिसे चाहे अपने ऊपर मुग्ध कर दे। तो उसके लिए व्यक्ति को सुंदर होने की आवश्यकता नहीं है। क्योंकि सौंदर्य समय के साथ ढल जाता है और धन से आप व्यक्ति को स्वयं से नहीं जोड़ सकते हैं।
ज्ञानात्माओं का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति अपनी बोली में मिठास लाता है, स्वभाव को विनम्रता से सजाता है, बुरी परिस्थितियों में भी अपनी भाषा की सहजता को नहीं भूलता। अपने से छोटे और बड़ो का सम्मान करता है। परिस्थितियों से न घबरा कर उनका समान करता है, परिस्थितियों का प्रभाव कभी अपनी जीवनचर्या पर नहीं पड़ने देता। लोगों से बात करते समय संतुलन बनाकर रखता है और सभी को सम्मान के भाव से देखता है। वह एक इस संसार के सभी लोगों को जीत लेता है।
लोग ऐसे व्यक्ति के व्यवहार से आकर्षित होते हैं और उसे सुनने के लिए, या उसकी सलाह लेने के लिये बार-बार उसके पास आते हैं। लोगों का मानना है कि अगर कोई व्यक्ति दुख में होता है तो यह लोग अपनी भाषा के बलबूते उसके दुख को बांट लेते हैं और उसके सुख का कारण बनते हैं। यह अपने चेहरे की चमक को बढाने में नहीं बल्कि अपने व्यवहार और भाषा की चमक को बढाने में लगे रहते हैं।
ज्ञानात्माओं का मानना है कि जो व्यक्ति अपनी भाषा पर विजय प्राप्त कर लेता है और सभी को अपनी भाषा से अपना बनाता है। वह इस संसार मे किसी को भी जीतने का सामर्थ्य रखता है।