धर्म- आचार्य चाणक्य ने जीवन से जुड़े कई विशेष पहलुओं पर लोगों का मार्गदर्शन किया है। आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन मे कुछ विशेष नियमों को मानता है तो उसे कभी भी कष्टों से नहीं जूझना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार किसी भी व्यक्ति को बढ़ती उम्र के साथ अपने आचरण को नहीं बदलना चाहिए। वहीं बुजुर्गों को कभी भी अपने जीवन से इन तीन विशेष आदतों को नहीं जाने देना चाहिए।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आप बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं तो आपको कभी भी अनुसाशन नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि जब आप अनुशासन छोड़ते हैं तो आपके बच्चे आपका सम्मान नहीं करते हैं और बात बात पर वह आपको यह एहसास दिलाते हैं कि आपकी उम्र ढल चुकी है और अब आप महत्वपूर्ण नहीं हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी व्यक्ति को बुढ़ापे के साथ धन का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। क्योंकि अगर आप धन का साथ छोड़ देते हैं तो आपको जीवन मे तकलीफ का सामना करना पड़ता है। वहीं जीवन के अंतिम पड़ाव में आपके अपने ही आपको नीचा दिखाने के प्रयास करते रहते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं ढलती उम्र के साथ किसी भी व्यक्ति को कभी भी लोगों की मदद करने से नहीं कतराना चाहिए। क्योंकि आप जो करते हैं आपको बदले में वही हासिल होता है।