आध्यात्मिक| चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को हर वर्ष हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस साल हनुमान जयंती आज यानी 16 अप्रैल को मनाई जा रही है। हनुमान जयंती की पूजा का विशेष महत्व है। कहा जाता है आज के जो भी विधि विधान से हनुमान जी की पूजा अर्चना करता है उसके समस्त संकट नष्ट हो जाते हैं। वह रोग दोष से मुक्ति पता है और उसके ऊपर धन की असीम वर्षा होती है।
धार्मिक ग्रन्थों के मुताबिक हनुमान जी अत्यंत सरल स्वभाव के है। इन्हें जितनी जल्दी गुस्सा आता है यह उतनी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। वही जो लोग सच्चे मन से इनकी पूजा करते हैं उनपर इनकी कृपा बनी रहती है और यह उनके सभी व्याधि को हर लेते हैं। लेकिन कई बार इनकी पूजा में हुई छोटी छोटी गलती इन्हें नाराज कर देती है और फिर इनका प्रकोप झेलना पड़ता है।
तो आज हम हनुमान जयंती के दिन आपको बताने जा रहे हैं किन विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए हनुमान जी की पूजा के वक़्त जिससे इनके प्रकोप का आपको कभी सामना न करना पड़े।
चरणामृत:-
वैसे तो हिन्दू धर्म मे चरणामृत का बहुत अधिक महत्व है हर देवी देवता की पूजा में चरणामृत बनाया जाता है। लेकिन हनुमान जी की पूजा में कभी भी चरणामृत का उपयोग नहीं होता। कहा जाता है कि यदि हनुमान जी की पूजा में कोई चरणामृत का उपयोग करता है तो इसे इनके गुस्से का सामना करना पड़ता है।
सूतक काल:-
वैसे तो सूतक काल मे हिन्दू धर्म मे किसी भी देवी देवता की पूजा नहीं की जाती। लेकिन हनुमान जी को लेकर ग्रन्थों में लिखा है कि सूतक काल मे गलती से भी किसी को इन्हें स्पर्श नहीं करना चाहिए नहीं तो यह रुष्ट हो जाते हैं। सूतक काल 13 दिन का होता है।
चमड़े से परहेज:-
यदि आप हनुमान जी की पूजा करते हैं तो आपको चमड़े से परहेज करना चाहिए। जो व्यक्ति हनुमान मंदिर में चमड़े की बैल्ट लगाकर जाता है उसे कभी पुण्य प्राप्त नहीं होता।
रंगों का रखे ध्यान:-
हनुमान जी का नारंगी रंग जहां सबसे प्रिय रंग है वही सफेद और काले रंग को यह बिल्कुल नहीं पसन्द करते। जो व्यक्ति इन दो रंगों के वस्त्र धारण कर हनुमान जी की पूजा करता है उस पर हनुमान जी की दया दृष्टि कभी नहीं पड़ती।