आध्यात्मिक– गुस्सा हमारे रिश्तों को खराब करता है। यदि हम बात बात पर गुस्सा करते हैं तो यह हमारे जीवन मे कलह बन जाती है। वहीं कुछ लोग ऐसे होते हैं जो अपने गुस्से में किसी से भी कुछ बोल देते हैं जो बाद में उन्हें भारी पड़ता है।
वहीं आचार्य चाणक्य कहते हैं कि यदि आप अपने जीवन मे सफल होना चाहते हैं। तो आपको इस तरह के लोगों पर कभी भी गुस्सा नहीं करना चाहिए। क्योंकि अगर आप इन लोगों पर गुस्सा करते हैं तो यह आपके जीवन को दुखों से भर देता है और आप हमेशा परेशान रहते हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक आपको कभी भी अपने परिवार के लोगों से झगड़ा नहीं करना चाहिए। वहीं अगर किसी बात को लेकर परिवार के लोगों के साथ मतभेद हो जाता है तो उसे सहूलियत से सुलझा लेना चाहिए। क्योंकि परिवार से जब आप झगड़ा करते हैं और उनसे अलग रहते हैं तो इसका फायदा उठाकर लोग आपके जीवन में कलह उत्पन्न करते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार कभी भी अपने उन मित्रों पर गुस्सा नहीं करना चाहिए। जो आपके बुरे वक्त में आपका साथ निभाते हैं और जब आपके पास कोई नहीं होता है तो वह आपके साथी बनकर आपके साथ खड़े रहते हैं। आचार्य चाणक्य के मुताबिक यदि आप अपने हितैषी दोस्तों से झगड़ा करते हैं और बार बार उन्हें नीचा दिखाने का प्रयास करते हैं तो यह आपके रिश्ते को खराब करता है और आप अपने जीवन में अकेले रह जाते हैं।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक- आपको कभी भी ऐसे लोगों से झगड़ा नहीं करना चाहिए। जो लोग बिना तर्क की बातें करते हैं और बेवजह का झगड़ा उत्पन्न करते हैं। क्योंकि यह लोग मूर्ख होते हैं। इन लोगों से झगड़ा करना यानी स्वयं को मूर्ख समझना होता है।