ज्ञान- व्यक्ति का वक्त अच्छा हो तो वह अपने उन सभी साथियों को भूल जाता है। जो बुरे वक्त में उसका सहारा बनते हैं। वहीं यदि व्यक्ति का वक्त बुरा हो तो व्यक्ति धीरे-धीरे स्वयं को भूलने लगता है। लेकिन आज हम आपको आचार्य चाणक्य के उन तीन सिद्धांतों के विषय में बताना चाहते हैं जो उन्होंने बुरे वक्त के परिपेक्ष्य में दिए हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि व्यक्ति बुरे वक्त में धैर्य, सकारात्मक, क्रोध इन तीन मूल्यों को याद रखता है तो उसके जीवन मे दुख आते हैं लेकिन वह उसका निष्पादन करने में सक्षम रहता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक- यदि आप बुरेवक्त में धैर्य रखना जानते हैं। तो आपको समस्याओं से लड़ने में सहायता मिलती है और आप मन से मजबूत रहते हैं। आप अपनी कोशिशओं के बलबूते पर परिस्थितियों से निकलने का स्मार्थ्य रखते हैं और जीवन में आगे बढ़ने की ललक उनको सफल बनाती है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि जो व्यक्ति अपने जीवन मे सकारात्मक रहता है और प्रत्येक परिस्थिति में पॉजिटिव एनर्जी के साथ पेश आता है। वह जीवन में सुखी रहता है और अपने लक्ष्य से कभी भी विचलित नहीं होता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर व्यक्ति के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तो वह क्रोध पर विजय प्राप्त कर लेता है और हर परिस्थिति ने निपटने के लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करता है।