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डेस्क। Puja Aarti Vidhi: हिंदू धर्म में देवी देवता की विधिवत पूजा करने का काफी महत्व बताया गया है। मान्यता है कि पूजा करने से मन में शांति के साथ आत्मा की तृप्ति भी आपको मिलती है।
इसके साथ ही सकारात्मक ऊर्जा अधिक पैदा होती है और देवी देवता की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति भी होती है। बता दें पूजा के बाद आरती जरूर करना चाहिए बिना आरती किए पूजा का पूर्ण फल आपको नहीं मिलता है।
ग्रंथों और पुराणों की माने तो आरती से जुड़े कई नियम बताए गए हैं कि किस दिशा में दीपक रखें और कैसे आरती की जाएं। तो आइए जानते हैं देवी देवता की आरती करने का सही तरीका क्या है।
जानिए आरती के दीपक को कितनी बार घुमाएं
शास्त्रों की माने तो, सबसे पहले भगवान के चरणों का चार बार, नाभि के दो बार, मुख की ओर एक बार और फिर सिर से लेकर चरणों तक सात बार आरती करें, इस तरह आपको आरती कुल 14 बार करनी चाहिए।
कितने दीपक के आरती करना होता है शुभ
शास्त्रों के अनुसार, देवी देवता की आरती के लिए दीपक हमेशा पंचमुखी या फिर सप्तमुखी ही होना चाहिए।
कैसे रखें आरती का दीपक
कालिका पुराण में इसका एक श्लोक दिया हुआ है:
सर्वसहा वसुमती सहते न त्विदं द्वयम्। अकार्यपादघातं च दीपतापं तथैव च॥
इस श्लोक का मतलब है कि आरती को कभी भी जमीन में नहीं रखना चाहिए। इससे धरती का तापमान बढ़ता है। हमेशा दीपक को थाली या फिर किसी ऊंची चीज में रखना सही होता है। इसके बाद दीपक जलाने के बाद अपने हाथों को आपको जरूर धोना चाहिए।
आरती करते समय ध्यान में रखें ये बातें
आरती जिस दीपक से कर रहे हैं वह अखंड ज्योति न हो।  
आरती हमेशा दाएं हाथ से करें।
आरती हमेशा खड़े होकर करनी चाहिए और कभी भी बैठकर आरती न करें।
आरती को हमेशा क्लॉकवाइस (दक्षिणावर्त) ही करना चाहिए, कभी भी इसे उल्टा न घुमाएं।
आरती करते समय बीच में बिल्कुल बात न करें और मन में श्रद्धा भाव रखें।