शरद पूर्णिमा का हमारे जीवन में काफी प्रभाव पड़ता है। इस दिन चन्द्रमा सोलह कलाओं से युक्त होता है। इसी दिन चन्द्रमा अमृत की वर्षा करता है जो धन, प्रेम और स्वास्थ्य तीनों प्रदान करती है। प्रेम और कलाओं से परिपूर्ण होने के कारण श्री कृष्ण ने इसी दिन महारास रचाया था। इसी दिन विशेष प्रयोग करके बेहतरीन स्वास्थ्य, अपार प्रेम और खूब धन पाया जा सकता है। इसका प्रयोग करने के लिए कुछ सावधानियों और नियमों की आवश्यता है।
यहां जानेंगे आप नियम….
- इस दिन पूर्ण रूप से जल और फल ग्रहण करके उपवास रखने का प्रयास करें।
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उपवास रखें या नहीं रखें पर इस दिन सात्विक आहार ही ग्रहण करें तो ज्यादा बेहतर होगा।
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शरीर के शुद्ध और खाली रहने से आप ज्यादा बेहतर तरीके से अमृत ग्रहन कर पाएंगे।
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इस दिन काले रंग का प्रयोग नहीं करें। चमकदार सफेद रंग के कपड़े धारण करें तो ज्यादा अच्छा होगा।
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इसके बाद निम्न मंत्र का कम से कम 11 माला जाप करें।
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“ॐ ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद महालक्ष्मये नमः”।
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आपको धन का अभाव नहीं होगा।
प्रेम में सफलता प्राप्त करने के लिए ये करें प्रयोग…
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शाम के समय भगवान राधा-कृष्ण की उपासना करें।
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दोनों को संयुक्त रूप से एक गुलाब के फूलों की माला अर्पित करें।
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मध्य रात्रि को सफेद वस्त्र धारण करके चन्द्रमा को अर्घ्य दें।
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इसके बाद निम्न मंत्र का कम से कम 3 माला जाप करें -“ॐ राधावल्लभाय नमः।
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या मधुराष्टक का कम से कम 3 बार पाठ करें।
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मनचाहे प्रेम को पाने की प्रार्थना करें।
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भगवान को अर्पित की हुई गुलाब की माला को अपने पास सुरक्षित रख लें।