ज्ञान- मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है। वह अच्छाई और बुराई के साथ जीवन यापन करता है। जीवन में उसके कर्म ही उसका व्यवहार बनाते हैं। लेकिन कई लोग ऐसे होते हैं जो बात-बात पर गलती करते रहते हैं और कई लोग ऐसे स्वभाव के होते हैं जो व्यक्ति की गलती को माफ करने का गुण रखते हैं।
ज्ञानात्माओं का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति गलती करता है। तो यह उस व्यक्ति का स्वभाव नहीं है। क्योंकि इस संसार में कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं है जो जानबूझकर गलती करे और लोगों को तकलीफ दे। लेकिन यदि कोई व्यक्ति गलती करने वाले व्यक्ति को माफ नहीं कर पाता और उसकी एक गलती के लिए उसे जीवन पर्यंत सजा देता है। तो उस व्यक्ति का यह व्यवहार उसे क्रूर बनाता है।
क्योंकि आध्यत्म के मुताबिक गलती करना मनुष्य का स्वभाव है। मनुष्य सामाजिक प्राणी है और समाज मे रहने वाले व्यक्ति से गलतियां होना लाजमी है। लेकिन जो व्यक्ति गलतियों को माफ करने का सामर्थ्य रखता है और खुले मन से उस व्यक्ति को अपनाता है। तो उस व्यक्ति को देवताओं के रूप में माना जाता है। क्योंकि गलती माफ करके बिना द्वेष के भाव के व्यक्ति के साथ खड़े होना देवताओं का स्वभाव है।