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आध्यत्मिक- जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं। जब हम बुरी परिस्थितियों का सामना करते हैं तो हमारे अपने हमारा सहारा बनते हैं। उनकी मदद से हम आपकी परिस्थितियों से उभरने का हर सम्भव प्रयास करते हैं। लेकिन महान गुरु आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) ने मदद के परिपेक्ष्य में कुछ ऐसा कहा है जिसे सुनकर आप दंग रह जाएंगे।

आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) का कहना है कि कोई आपका कितना भी हितैषी हो लेकिन उससे अपने बुरे वक्त को साझा करने से बचना चाहिए। अगर कोई निस्वार्थ आपकी मदद कर रहा है तो उससे आप मदद ले सकते हैं। लेकिन अगर कोई आपकी मदद के बाद उसका एहसान दिखाता है। तो आपको ऐसे लोगों से परहेज करना चाहिए।
आचार्य चाणक्य(Acharya Chanakya) का मानना है कि जिस प्रकार व्यक्ति की मूर्खता उसको दुख देती है, जवानी उसके दुखों का कारण बनती है। अज्ञानता उसको असफल बनाती है। उसी प्रकार अगर आप अपनी बुरी परिस्थितियों में किसी के घर जाते हैं और उससे मदद लेते हैं। तो यह आपके लिए दुखदाई होता है। लोग आपपर एहसास जताते हैं और जीवन भर आप उनके एहसान को चुकाने में असमर्थ होते हैं।