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डेस्क | वास्तु शास्त्र में सुगम जीवन जीने के लिए कई उपाय बताए जा रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी उपाय हैं जिनके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण बताएं जा रहे हैं। ऐसा भी माना जाता है कि इन उपायों का पालन करने से व्यक्ति को लंबे समय तक लाभ मिलता है, इसके साथ ही उसे सुख समृद्धि की प्राप्ति भी होती है।

इसके साथ वास्तु शास्त्र में कुछ नियम ऐसे भी बताए गए हैं। जिनका पालन निश्चित रूप से व्यक्ति को ज़रूर करना चाहिए। इन्हीं में से एक नियम यह भी है कि व्यक्ति को रात के समय पेड़-पौधों को नहीं छूना चाहिए। वहीं ऐसा करना पाप की श्रेणी में आता है। तो आइए जानते हैं कि क्या है नियम के पीछे छिपा धार्मिक व वैज्ञानिक कारण।
क्या आप जानते हैं वेद पुराणों में पेड़-पौधों को मनुष्य की भांति ही एक जीवित प्राणी के रूप में भी बताया गया है। वह सूर्योदय के समय जागते हैं और सूर्यास्त के बाद आराम से सोया करते हैं। इसलिए रात के समय उन्हें छूना अशुभ बताया गया है। वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि किसी व्यक्ति को सोते हुए तंग करना पाप होता है। इसलिए सूर्यास्त के बाद घर के बड़े बुजुर्गों भी पेड़-पौधों को छूने और उनकी पत्तियां तोड़ने से बच्चों को रोकने को कहते हैं।
इसके साथ पेड़-पौधे पर विभिन्न प्रकार के पक्षी और कीट-पतंगों का बसेरा भी होता है। वह भी सूर्यास्त के बाद अपने घर लौटते हैं और वहां विश्राम करने लगते हैं। इसलिए इस दौरान पेड़ों को छूने या उनकी पत्तियों को तोड़ने से उनकी नींद में खलल पड़ जाती है वहीं वह परेशान हो सकते हैं। यही कारण है कि सूर्यास्त के बाद पेड़-पौधों को छूना नहीं चाहिए।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखें तो पेड़-पौध सूर्यास्त के बाद ऑक्सीजन की बजाय कार्बन-डाइऑक्साइड का रिसाव करने लगते हैं। इसलिए यदि व्यक्ति रात के समय पेड़ के नीचे जाता है तो उसे ऑक्सीजन की कमी भी महसूस हो सकती है। यही कारण है कि रात के समय पेड़ के नीचे सोने की मनाही है क्योंकि यह सेहत के लिए अच्छा नहीं बताया जाता।