धर्म:- कहते हैं स्त्री अगर चाहे तो वह घर को बना भी सकती है और घर को बिगाड़ भी सकती है। घर की तरक्की स्त्री के हाथ मे होती है। वहीं आचार्य चाणक्य ने स्त्री के तीन गुणों के विषय मे कहा है कि यदि कोई महिला इन गुणों से परिपूर्ण रहती है तो उस घर मे सुख समृद्धि का वास होता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर कोई स्त्री धन का व्यय सुनियोजित ढंग से करना जानती है। अगर स्त्री को धन का महत्व पता है और वह एक-एक पैसे का हिसाब रखती है। तो उस घर पर माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है और घर मे सुख समृद्धि का वास होता है।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि अगर कोई स्त्री सयम रखना जानती है। उसे यह पता रहता है कि शांत स्वभाव से वह हर परिस्थिति का हल निकाल सकती है। तो ऐसी स्त्री को जीवन मे सुख प्राप्त होता है और यह अपने घर को प्रेम भाव से जोड़कर रखती हैं।
आचार्य चाणक्य का कहना है कि यदि स्त्री संतोषजनक है। तो वह घर की तरक्की में सभी द्वार खोल देती है। जिस स्त्री में संतोष का भाव होता है वह घर के लिए लक्ष्मी का रूप होती है और उसके आने से घर मे तरक्की होती है।