आध्यात्मिक; आज हरितालिका तीज का कठोर व्रत है। इस दिन महिलाएं बिना अन्न पानी का ग्रहण किये शिव की पूजा आराधना करती है। उन्हें प्रसन्न करती है और अपने पति की दीर्घायु जीवन की कामना करती है। वही कुंवारी लड़कियां इस व्रत को अच्छा वर मिले यह कामना लेकर करती है। यह व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को होता है। इस साल यह व्रत आज यानी 20 अगस्त को पड़ा है।
वही आज के दिन जो महिलाएं शिव पार्वती के तप की यह कथा सुनती है उन्हें इस व्रत का दोहरा फल मिलता है। धर्म ग्रन्थों के मुताबिक आज के दिन जो भी सच्चे मन से माता पार्वती और शिव की आराधना करता है। उनकी कथा सुनता है उसे उत्त्तम फल की प्राप्ति होती है। वही यह कथा कष्टकारी कथा कही जाती है। तो आइये जानते हैं उस कथा के बारे में जिसे सुनकर दूर होते है सभी पाप।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक माता सती शिव की अर्धांगिनी और प्रजापति दक्ष की पुत्री थी। शिवा और सती के विवाह से दक्ष अप्रसन्न थे। वह हेमशा शिव की अभेलना करते रहते थे। वही एक दिन उन्होंने अपने यहां एक यज्ञ का आयोजन किया। लेकिन उन्होंने इस यज्ञ में शिव को आमंत्रित नही किया। माता सती बिना बुलाए अपने पिता के यहां आयोजित यज्ञ अनुष्ठान में पहुंच गई। सभी लोग उन्हें देखकर अचंभित हुए।
वही जब उन्होंने देखो उनके पिता प्रजापति दक्ष ने उनके पति शिव को सम्मान नही दिया है। तो उन्होंने यज्ञ कुंड में कूदकर अपनी आहुति दे दी। लेकिन उसका और शिव का मिलन जन्म जन्मांतर का था। उन्होंने पुनर्जन्म लिया। वह दूसरे जन्म में हिलामय की पुत्री हुई। उनका नाम पार्वती था। उन्होंने पुनः कड़ी तपस्या की और शिव को अपने पति के रूप में प्राप्त किया।
पार्वती ने शिव को पाने के लिए कई दिनों तक बिना कुछ खाये पिये व्रत रखा। उसी समय यह तीज भी पड़ी थी। इस दिन पर निर्जल रही थी। तभी से महिलाएं तीज का व्रत उत्त्तम जीवन साथी प्राप्त करने के लिये रखती है। महिलाएं शिव पार्वती से अपने पति के साथ अपना अटुट साथ मांगती है। उनके उत्त्तम स्वास्थ्य की कामना करती है।