सावन:- आज सावन का पहला सोमवार है। लोग आस्था की टोकरी भरके अपने शिव को पूजने पहुंच गए हैं। वही आज वाराणसी में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी है। भारी मात्रा में श्रद्धालु अपने शिव की पूजा करने पहुँच गए हैं। श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगाकर शिव जयकारों से वाराणसी की शोभा बढ़ा दी है। आज काशी में हर ओर शिव का गुणगान हो रहा है।
जानकारी के लिए बता दें इस समय सावन का महीना चल रहा है। हिन्दू धर्म मे सावन का एक अलग ही महत्व है शिव भक्त सावन के महीने को किसी त्योहार से कम नहीं आकंते। वही धार्मिक ग्रन्थों में कहा गया है कि सावन वह महीना है जिंसमे शिव अपने भक्तों की आस्था से बड़ी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और कोई अगर सावन को सोमवार को शिव की पूजा विधि विधान से करता है तो उसकी हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है।
लोग सावन के सोमवार को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं। लोग इस दिन आस्था के साथ व्रत रखते हैं। शिव की पूजा के लिए शिव मंदिर जाते हैं। उनपर बेल पत्र पुष्प व दूध अर्पित कर उनकी आराधना करते हैं। हर ओर शिव का गुणगान होता है ओर शिवालय बम बम बोले की जयकारों से गुजने लगते हैं।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार श्रावणका महीना शुरू होते ही शिव भक्त कावड़िए हरिद्वार, ऋषिकेश, गौमुख से गंगाजल भरकर नंगे पैर दौड़ते और बम-बम भोले का उद्घोष करते हैं। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में भगवान शिव, पार्वती, गणेश, कार्तिकेय और नंदी की पूजा करने का विधान है। पूजा के दौरान गंगाजल से शिवजी का अभिषेक सबसे बढ़िया माना जाता है।
धर्म ग्रन्थों के अनुसार सावन का व्रत ब्रह्म मुहूर्त से किया जाता है यह तीन प्रहर का व्रत होता है। सावन के सोमवार को लोग बड़ी आस्था के साथ शिव की पूजा करते हैं। कई लोग शिव की कृपा पाने के लिए अपने घरों में रुद्राभिषेक भी करवाते हैं। कहा जाता है जिन कन्याओं का विवाह नही हो रहा होता है ओर उन्हें एक ऐसे जीवन साथी की तलाश होती है जो शिव की तरह अपनी अर्धांगिनी से प्रेम करे। वह बड़े श्रद्धा भाव से सावन के सोमवार का व्रत रखती है। इससे उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है।