आध्यत्मिक– अगर आप अपना कारोबार शुरू करने का विचार कर रहे हैं या आपका कारोबार बढिया चल रहा है और आपको उससे खूब लाभ प्राप्त हो रहा है। तो आपको अपने व्यवहार में आचार्य चाणक्य का दिया हुआ यह ज्ञान उतार लेना चाहिए।
क्योंकि आचार्य चाणक्य ने चाणक्य नीति में व्यापारियों को लेकर कुछ नियम बनाए हैं और कहा है कि अगर व्यापार करने वाला व्यक्ति इन नीति निर्देशो के अनुरूप काम करता है। तो उसे कभी भी अपने व्यापार में नुकसान नही उठाना पड़ता है।
आचार्य चाणक्य के मुताबिक एक व्यापारी व्यक्ति को कभी भी किसी से अपना लाभ साझा नही करना चाहिए। अगर आपको व्यापार में लाभ प्राप्त हो रहा है तो आपको उसे गुप्त रखना चाहिए और अपने लाभ से ज्यादा लाभ कमाने की योजना बनानी चाहिए न की उसका गुणगान करना चाहिए।
वही आपको कोशिश करनी चाहिए की आप व्यापार से अपना व्यवहार दूर रखे। क्योंकि जब आप व्यापार में व्यवहार चलाते है तो यह आपके बिजनेस को प्रभावित करता है और कई बार स्थिति यह आ जाती है। की आपको अपना व्यापार बन्द करना पड़ता है और आप कर्ज के बोझ तले दबे जाते हैं।
आचार्य चाणक्य के अनुसार एक व्यापारी को।कभी भी किसी से अपनी कमजोरियों का जिक्र नही करना चाहिए। उसे कभी भी यह बात जग जाहिर नही करनी चाहिए कि वह किन रणनीतियों के साथ अपना व्यापार मार्केट में स्थापित करना चाहता है।