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डेस्क। वैसे तो अक्सर हमने यह देखा है कि थाली में दो रोटी या फिर चार रोटी ही परोसी जाती है। साथ में मिठाईयां अन्य चीजों को परोसते वक्त यह ध्यान भी दिया जाता है कि वह 3 कभी ना हो, 2 या फिर 4 के अंक में ही खाना परोसना उचित माना जाता है।
क्या आपको यह पता है कि ऐसा क्यों किया जाता हैं। बड़े बुजुर्ग को आपने हमेशा अपने घरों में यह कहते हुए सुना होगा कि तीन रोटी ना दें, तीन लड्डू मत निकालें, प्रसाद के रूप में कभी तीन फल ना चढ़ाएं या अन्य खाद्य पदार्थ ना देने या चढ़ाने का क्या कारण रहा हैं।
जानिए तीन रोटी क्यों न परोसे 
ऐसा कहा जाता है कि तीन रोटी रखने का अर्थ है मृतक का भोजन लगाना, अक्सर तेरहवीं संस्कार में यह देखा होगा कि मृतक के लिए जो भोग निकाला जाता है उसमें 3 या तो एक रोटी रखी जाती है। इसलिए जीवित व्यक्ति के भोजन में कभी भी तीन रोटी या अन्य खाद्य पदार्थ नहीं परोसे जाते क्योंकि इसे बहुत ही अशुभ संकेत माना गया है।
तीन रोटी परोसने के कई नुकसान होते है जिसमें कहा गया है कि जो थाली में तीन रोटी लेकर खाता है उसके मन में दूसरे के लिए कटुता और शत्रुता की भावना जागृत होने लगती है, सिर्फ रोटी ही नहीं तीन लड्डू एक प्लेट में भी नहीं रखना चाहिए। ऐसे करने से खाने वाले व्यक्ति की उम्र भी कम  होती है।
जानिए 3 अंक को शुभ क्यों नहीं माना जाता 
प्राचीन समय से ही पूजा-पाठ में 3 अंक को अशुभ माना जाता है। वहीं पूजा या प्रसाद में कभी भी किसी भी सामग्री की संख्या तीन नहीं रखी जाती।
विज्ञान का क्या है मत 
विज्ञान की नजर में ऐसी कोई गिनती नहीं है, पर एक समान व्यक्ति के लिए एक कटोरी दाल चावल और सब्जी के साथ दो रोटी खाना भी पर्याप्त भोजन होता है। वहीं तीसरी रोटी खाने से मोटापा बढ़ता है और स्वास्थ्य संबंधी दिक्कते भी होने लगती है।