img

आध्यात्मिक:- स्त्री हो या पुरुष दोनों की दिनचर्या समान ही है। सुबह उठकर मंजन दातुन करना और फिर स्नान करके अपने-अपने काम में लग जाना। लेकिन स्नान के दौरान पुरुष अपने बाल कभी भी धो सकता है। लेकिन महिलाओं के लिए बाल धोने के कुछ विशेष दिन निर्धारित हैं। क्योंकि महिलाओं को घर की लक्ष्मी माना जाता है और अगर यह दोष दिवस में बाल धुलती हैं तो इसका प्रभाव सीधे उनके पारिवारिक जीवन पर पड़ता है।

लेकिन आज कल के मॉडल ट्रेंड में महिलाओं ने आध्यात्म की बातों को मानना बंद कर दिया है और उन्हें लगता है कि संसार मे जो भी होता है। वह विज्ञान के कारण होता है। लेकिन आध्यात्म के मुताबिक यदि कोई सुहागिन महिला एकादशी, अमावस्या और पूर्णिमा के दिन बाल धुलती है। तो उसके घर मे दरिद्रता का वास होता है। घर से सुख समृद्धि चली जाती है। धन की कमी होती है और नित्य घर में कलह लगी रहती है। 
इसके साथ ही यदि कोई पर्व आने वाला है। तो महिलाओं को पर्व वाले दिन बाल नहीं धोने चाहिए। कोशिश करनी चाहिए पर्व के एक दिन पूर्व ही बाल धोकर स्न्नान करें।

जानें किस दिन महिलाओं को धोने चाहिए बाल-

आध्यात्म के मुताबिक महिलाओं को सोमवार, बुधवार, शुक्रवार और रविवार के दिन बाल धुलने चाहिए। क्योंकि यह दिन शुभ माने जाते हैं। वहीं इस दिन बाल धुलने का घर परिवार पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है।

जानें किस दिन महिलाओं को नहीं धुलने चाहिए बाल-

आध्यत्म के मुताबिक महिलाओं को मंगलवार, गुरुवार, शनिवार को बाल धुलकर स्न्नान नहीं करना चाहिए। अगर कोई महिला नित्य ऐसा करती है। तो उसके घर मे दरिद्रता का वास होता है। सुख समृद्धि नाश होती है और घर मे सदैव कलह लगी रहती है।