जानकारी -हम सभी मे से शायद ही कोई ऐसा हो जो आज सोशल मीडिया से न जुड़ा हो। लोग अपना डेटा ऑनलाइन सेव करते हैं। वही आज हम ऑनलाइन तकनीकी से जुड़े जितने भी काम करते हैं वह डेटा कही न कही संरक्षित रहता है। जिसे शायद आप नही जानते होंगे।
असल मे आपकी ऑनलाइन गतिविधि का सम्पूर्ण डेटा डेटा सर्वर द्वारा संरक्षित किया जाता है। इस सर्वर में कुछ प्रोसेसर लगाए जाते हैं। जो डेटा को वायरस और खराब होने से बचाते हैं।
डेटा सेंटर आपके डेटा को पांच साल तक सुरक्षित रखता है। वही अगर भविष्य में कोई अपराध हो जाए या कोई समस्या हो जाए तो कुछ विशेष नियमो के मुताबिक यह डेटा आप प्राप्त कर सकते हैं।
नोएडा में बने डाटा सेंटर का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था. हीरानंदानी समूह की मुंबई स्थित सहायक कंपनी Yotta ने इसे तैयार किया है।
इसमें 6 इमारतें बनाई गई हैं, जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. इन इमारतों में करीब 30 हजार रैक रखी जाएंगी, जिनपर सर्वर स्थापित कर डाटा स्टोर होगा।
डाटा सेंटर के निर्माण पर करीब 5,000 करोड़ रुपये खर्च आएगा. इस डाटा सेंटर के पहले टावर की क्षमता 30 मेगावाट डाटा स्टोर करने की ।