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रोचक– जीवन मे ऊर्जा का सर्वाधिक महत्व है। बिना ऊर्जा के मनुष्य के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। कहते हैं अगर जीवन मे ऊर्जा नहीं होगी तो व्यक्ति की गतिविधियां स्थिर हो जाएगी। विज्ञान के मुताबिक सूर्य ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर यह ऊर्जा है क्या? 

विज्ञान के मुताबिक ऊर्जा-

विज्ञान के मुताबिक ऊर्जा न तो वस्तु है न कोई पदार्थ। न इसे देखा जा सकता है न इसे स्पर्श किया जा सकता है। लेकिन इसे महसूस किया जा सकता है। क्योंकि ऊर्जा व्यक्ति के कार्य करने की क्षमता को है। जिसके उपयोग से व्यक्ति अपनी सभी गतिविधियों को पूरा करता है।
व्यक्ति के शरीर मे जैसी ऊर्जा होती है। वह उसी प्रकार से गतिविधियों को करता है। वही ऊर्जा समय समय पर घटती व बढ़ती रहती है। 
वही विज्ञान के मुताबिक व्यक्ति की ऊर्जा उसके कार्य करने के तरीकों से परिवर्तित होती रहती है। जो व्यक्ति जैसा कार्य करता है उसकी ऊर्जा उसी प्रकार से व्यय होती है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यक्ति बैठ कर काम करता है तो बल नहीं लगाता तो स्थितिज ऊर्जा व्यय होती है। वहीं अगर कोई व्यक्ति किसी वस्तु को खींचता है तो इससे गतिज ऊर्जा का व्यय होता है। ऊर्जा सामान्य तौर पर 2 प्रकार की होती है- गतिज और स्थितिज।