डेस्क। सबसे पहले पता चलने वाले एल्फाबेट में लिखे गए सबसे पुराने वाक्य की खोज हो गई है जो इज़राइल में एक पुरातात्विक खुदाई के दौरान मिली। वहीं ये एक हाथीदांत कंघी में खुदी हुई है जो सिर की जूं के बारे में लोगों को चेतावनी देती है।
जानकारी के मुताबिक यह कंघी अनुमानित 3,700 साल पुरानी थी।
विशेषज्ञों ने जेरूसलम जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजी में यह बताया, ‘ये दांत बालों और दाढ़ी की जूंओं को जड़ से खत्म कर दें’, कनानी लिपि में ये शिलालेख इसपर लिखा गया है। कंघी के ब्रिसल्स के अवशेषों में भी जूं के सूक्ष्म साक्ष्य पाए गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें इस कंघी की खुदाई 2016 में यरुशलम से लगभग 25 मील दूर तेल लाकिश स्थान पर हुई थी। वहीं इज़राइल के हिब्रू विश्वविद्यालय के एक शोधकर्ता ने पिछले साल के अंत में ही नक़्क़ाशी की खोज की।
कनानी लेखन की पिछली खोज कुछ अक्षरों या एक शब्द की थी, पर ये पहली बार है जब शोधकर्ताओं ने एक पूर्ण वाक्य खोज निकाला है। इस अध्ययन के प्रमुख शोधकर्ता हिब्रू विश्वविद्यालय के योसेफ गारफिंकेल ने यह कहा है कि- ये एक बहुत ही मानवीय पाठ है। ये हमें यह दिखाता है कि लोग वास्तव में नहीं बदले, और जूँ तो वास्तव में नहीं बदलते।
बता दें ये कंघी 3.5 सेमी गुणा 2.5 सेमी है और इसे पहली बार 2017 में उत्खनन स्थल पर पाया गया था। विश्लेषण से यह पता चला है कि इसके एक छह बड़े ब्रिसल्स थे जो एक तरफ व्यापक रूप से फैले हुए थे वहीं दूसरी तरफ 14 महीन ब्रिसल्स भी थे।
कनानी शिलालेखों का क्यूमलेटिव डॉक्योमेंटेशन
कुछ विद्वानों ने प्रस्तावित भी किया था कि यूरोप, मिडिल ईस्ट, और एशिया के कुछ हिस्सों में यूज किए जाने वाले अधिकांश ऐतिहासिक और आधुनिक अक्षरों की जड़ें उन लिपियों में ही निहित हैं जो उस अवधि के आसपास दक्षिणी लेवेंट में भी उभरी थीं। पिछले कई दशकों में इस क्षेत्र की खुदाई करने वाली पुरातत्व टीमों ने दर्जनों कनानी शिलालेखों का क्यूमलेटिव डॉक्योमेंटेशन भी किया है, लेकिन वे सभी दो या तीन शब्दों से ही बने थे।
एल्फाबेट के पहले 1,000 सालों से, हमारे पास केवल खंडित शिलालेख ही हैं, एक शब्द, दो शब्द, तीन शब्द, कुछ अक्षर, योसेफ गारफिंकेल, हिब्रू विश्वविद्यालय में पुरातत्व के प्रोफेसर और टीम के एक अन्य सदस्य ने यह बताया है।