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देश– इंडोनेशिया को सभी लोग मुस्लिम देश के नाम से जानते हैं। लेकिन वास्तव में इंडोनेशिया का इतिहास हिंदूओ से जुड़ा था। अगर हम इतिहास के पन्ने पलट कर देखे तो इंडोनेशिया पहले हिन्दू और बौद्ध बाहुल्य देश था। यहां मुस्लिम की आबादी नाम मात्र थी। लेकिन अचानक से सब बदल गया और इंडोनेशिया मुस्लिम का गढ़ बन गया। 
वही आज हम जानते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ था की इंडोनेशिया की शक्ल मुस्लिम देश के रूप में विकसित हो गई। कहा जाता है इंडोनेशिया में छोटे छोटे राज्य थे। इन राज्यों में राजा की सत्ता थी। उस समय भी इंडोनेशिया चीन के साथ व्यापार करता था। लेकिन जब यह व्यापार बढ़ा तो इंडोनेशिया में बदलाव आना शुरू हुआ।
कहते हैं कि इंडोनेशिया में हिंदू राजा श्रीविजया का बहुत बोलबाला था। इनके स्मार्थ्य का लोहा हर कोई मानता था। लेकिन कुछ समय बाद इंडोनेशिया में आठवीं से दसवीं सदी के बीच बौद्ध शैलेंद्र और हिंदू राजवंश के प्रतिनिधि वहां पहुंचकर अपना प्रभाव बढ़ाने लगे. 13 वीं शताब्दी में पूर्वी जावा में हिंदू माजापाहित साम्राज्य का उदय हुआ. इसके मुखिया गजाह मदा थे.
लेकिन इनके युग के बाद से इंडोनेशिया में इस्लाम का व्यापक प्रचार प्रसार आरम्भ हुआ।16वीं सदी तक ये सुमात्रा और जावा का प्रमुख धर्म बन गया. इसके बाद इस्लाम ने अपने पैर पसारे और हिन्दू व बौद्ध धर्म से आगे निकलकर इंडोनेशिया में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया।
कहा जाता है कि इंडोनेशिया कैसे मुस्लिम देश बन गया इसपर आज भी वहां बहस होती रहती है। लेकिन इंडोनेशिया के बारे में ऐसी प्रख्याति है कि जब मुस्लिम समाज का प्रभाव बढ़ने लगा तो इंडोनेशिया के हिंदूओ ने भी अपना धर्म बदलकर इस्लाम अपना लिया और इसी से इंडोनेशिया मुस्लिम बाहुल्य देश बन गया।