रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल (SH1) स्पर्धा में कांस्य पदक अपने नाम किया है. इस उपलब्धि ने भारत को पांचवां पदक दिलाया है और उनके पदक तालिका में जगह बनाने में मदद की है.
रुबीना फ्रांसिस की उपलब्धियाँ
रुबीना ने अपने शानदार प्रदर्शन से देश का नाम रोशन किया है. उन्होंने फाइनल मुकाबले में 211.1 अंक अर्जित किए, जो कि उनकी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प का प्रमाण है. 2017 में, बैंकॉक में आयोजित वर्ल्ड शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स चैम्पियनशिप में 10 मीटर एयर पिस्टल महिला टीम इवेंट में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने जूनियर विश्व रिकॉर्ड स्थापित किया था. यह उनके बेहतरीन प्रदर्शन की शुरुआत थी.
इसके बाद, उन्होंने क्रोएशिया में 2019 विश्व पैरा चैम्पियनशिप में भी कांस्य पदक जीतकर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया था. हाल ही में, रुबीना ने विश्व शूटिंग पैरा स्पोर्ट्स वर्ल्ड कप- 2023 में 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में रजत पदक हासिल करके अपने प्रदर्शन को और मजबूत किया.
रिकेट्स से जूझकर शानदार उपलब्धि
25 वर्षीय रुबीना को बचपन से ही रिकेट्स का सामना करना पड़ा है. यह बीमारी बच्चों में हड्डियों के विकास को प्रभावित करती है और पैरों की कमजोरी का कारण बनती है. रुबीना को 40% दिव्यांगता से जूझना पड़ा, लेकिन उन्होंने अपनी कमियों को कभी अपने सामने नहीं आने दिया.
निरंतर प्रेरणा और समर्पण
रुबीना का दृढ़ संकल्प और समर्पण उनकी सफलता का मूल मंत्र है. उन्होंने मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी में पिस्टल शूटिंग की कड़ी ट्रेनिंग ली और लगातार मेहनत करते हुए अपने लक्ष्य तक पहुँचने का जज्बा नहीं छोड़ा. उनका जीवन कहानी एक सबक है, जो बताता है कि चाहे कैसी भी चुनौती आए, लक्ष्य के प्रति समर्पण और लगातार प्रयास से आप हर चुनौती का सामना कर सकते हैं.
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारतीय शूटिंग का प्रदर्शन
पेरिस पैरालंपिक 2024 में शूटिंग ने भारतीय दल को शानदार प्रदर्शन से समर्थन दिया है. रुबीना के कांस्य पदक ने टीम के प्रदर्शन में और चार चांद लगाए हैं.
अवनि लेखरा और मोना अग्रवाल का शानदार प्रदर्शन
अवनि लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल (SH1) में स्वर्ण पदक जीता और मोना अग्रवाल ने इसी स्पर्धा में कांस्य पदक हासिल किया. दोनों ही शूटर्स अपने शानदार प्रदर्शन से दुनिया भर के दर्शकों को प्रभावित किया.
भारत का समग्र प्रदर्शन
पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक जीतकर कुल पांच पदक हासिल किए हैं. इससे भारत ने खेल में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है.
समर्पण और प्रतिभा का परिणाम
भारतीय एथलीटों के इन प्रदर्शनों ने एक बार फिर साबित किया है कि समर्पण और प्रतिभा का परिणाम जिद्दी होता है. पैरालंपिक खेलों में भारत की ये उपलब्धियाँ देश को गौरवान्वित करती हैं और हर एथलीट को प्रेरित करती हैं.
निष्कर्ष
रुबीना फ्रांसिस ने पेरिस पैरालंपिक में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रौशन किया है. उनके जीवन और खेल की कहानी हर किसी के लिए प्रेरणादायी है. यह सबूत है कि कड़ी मेहनत, निरंतर प्रयास, और अपने लक्ष्य प्रति समर्पण से चुनौतियों का सामना कर सफलता हासिल की जा सकती है. रुबीना फ्रांसिस ने दिखाया है कि दिव्यांगता कोई बाधा नहीं, बल्कि शक्ति है, और हर व्यक्ति अपनी संभावनाओं को पार कर अपने सपने साकार कर सकता है.