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रविचंद्रन अश्विन के संन्यास ने भारतीय क्रिकेट में हलचल मचा दी है! क्या आपको पता है कि इस दिग्गज स्पिनर ने अपने संन्यास का फैसला एक महीने पहले ही ले लिया था? जी हाँ, आपने सही सुना! ऑस्ट्रेलिया दौरे पर प्लेइंग इलेवन में जगह न मिलने के बाद अश्विन ने यह कठिन फैसला लिया। लेकिन क्या वाकई यही वजह थी? आइए, अश्विन के संन्यास के पीछे की पूरी कहानी जानते हैं।

अश्विन का संन्यास: क्या था असली कारण?

अश्विन के संन्यास की खबर ने कई लोगों को हैरान कर दिया। कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि अश्विन ने ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले ही संन्यास का मन बना लिया था। न्यूजीलैंड के खिलाफ घरेलू सीरीज में मिली करारी हार के बाद उन्हें समझ आ गया था कि भारतीय टीम में उनकी जगह अब उतनी सुरक्षित नहीं रही। पर्थ टेस्ट में उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली और यहीं से उनका संन्यास का फैसला पक्का हो गया।

पर्थ टेस्ट: टर्निंग पॉइंट

पर्थ टेस्ट में अश्विन को बाहर किए जाने से वह काफी निराश हुए। उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा से भी इस बारे में बात की और यह स्पष्ट कर दिया कि अगर टीम में उनकी जरूरत नहीं है तो वह संन्यास ले लेंगे। हालांकि रोहित ने बाद में अश्विन को एडिलेड टेस्ट में खेलने के लिए मना लिया। लेकिन पर्थ टेस्ट वाकई में एक टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।

क्या अश्विन ऑस्ट्रेलिया नहीं जाना चाहते थे?

खबरों के मुताबिक, अश्विन ने टीम मैनेजमेंट को स्पष्ट कर दिया था कि अगर ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उन्हें प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिलती तो वे ऑस्ट्रेलिया नहीं जाएंगे। यह साफ तौर पर दिखाता है कि वह कितने आत्मविश्वास से लबरेज थे और अपनी योग्यता के बारे में उन्हें कितना भरोसा था।

अगला मौका: 10 महीने दूर

अश्विन को अगला मौका मिलने में 10 महीने का लंबा समय था। इस लंबे इंतजार के अलावा, उनकी उम्र भी एक कारण बन सकती है। 40 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में खुद को बनाए रखना काफी चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उन्होंने महसूस किया होगा कि अब यह सही समय है जब वह गरिमा के साथ संन्यास ले सकें।

BCCI का बयान

BCCI के एक सीनियर सूत्र ने कहा है कि चयन समिति की ओर से कोई दबाव नहीं था और अश्विन को अपना फैसला खुद लेने का पूरा अधिकार था। यह बात दर्शाती है कि BCCI ने भी अश्विन के फैसले का सम्मान किया।

सुंदर बनाम अश्विन: कड़ी टक्कर?

अश्विन और वाशिंगटन सुंदर के बीच का मुकाबला काफी चर्चा में रहा। न्यूजीलैंड सीरीज में सुंदर ने अश्विन से बेहतर प्रदर्शन किया था। पर्थ में सुंदर को प्लेइंग इलेवन में चुना जाना भी एक बड़ा कारण रहा होगा। यह मुकाबला भारतीय क्रिकेट के भविष्य को आकार देने वाला है।

क्या रोहित का फैसला अश्विन के संन्यास का कारण था?

कई लोग यह भी मानते हैं कि कप्तान रोहित शर्मा के द्वारा सुंदर को तरजीह देना अश्विन के संन्यास के फैसले में एक महत्वपूर्ण कारक था। रोहित खुद ने भी माना कि उन्होंने अश्विन से इस बारे में बात की थी और उन्हें एडिलेड में खेलने के लिए मनाया।

भज्जी का विचार: समय से पहले संन्यास?

हरभजन सिंह जैसे दिग्गज क्रिकेटर का मानना है कि अश्विन को शायद सीरीज खत्म होने तक इंतजार करना चाहिए था। उनका मानना है कि अश्विन सिडनी टेस्ट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते थे। लेकिन यह अश्विन का निजी फैसला था और हर किसी को उसका सम्मान करना चाहिए।

टेक अवे पॉइंट्स

  • रविचंद्रन अश्विन ने अपने लंबे और शानदार करियर को अलविदा कह दिया है।
  • पर्थ टेस्ट में प्लेइंग इलेवन से बाहर रहना और वाशिंगटन सुंदर को प्राथमिकता में रखा जाना संन्यास के निर्णय का एक महत्वपूर्ण कारक हो सकता है।
  • न्यूजीलैंड सीरीज में कमज़ोर प्रदर्शन ने उनके भविष्य को लेकर अनिश्चितता पैदा की।
  • भविष्य के मैचों के लिए एक स्पिनर की उपलब्धता का अभाव भी अश्विन के निर्णय में महत्वपूर्ण था।
  • अश्विन के संन्यास से भारतीय टीम के लिए स्पिन विभाग में एक बड़ी खाई बन गई है।