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रविचंद्रन अश्विन का संन्यास: एक चौंकाने वाला फैसला?

भारतीय क्रिकेट के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन के अचानक संन्यास ने सभी को हैरान कर दिया है! क्या यह फैसला वास्तव में अचानक था, या इसके पीछे कुछ और ही कारण छिपे हैं? आइए, इस रहस्यमयी कहानी की तह तक पहुँचने की कोशिश करते हैं और जानते हैं कि क्या वास्तव में अश्विन के पास कोई और विकल्प था?

अश्विन के संन्यास की असली कहानी क्या है?

कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। कप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि अश्विन पहले से ही संन्यास के मूड में थे, जबकि खुद अश्विन का कहना है कि वे अब आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलना चाहते हैं। क्या यह फैसला एकाएक लिया गया था, या यह पहले से ही प्लान था? उनके परिवार को ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले ही इस फैसले की जानकारी हो चुकी थी। ऑस्ट्रेलियाई टीम के कप्तान पैट कमिंस और स्पिनर नाथन लायन भी हैरान रह गए थे, साथ ही कई दिग्गजों जैसे सुनील गावस्कर ने भी अश्विन के बीच सीरीज संन्यास पर सवाल उठाए हैं।

क्या अश्विन के पास ऑस्ट्रेलिया में आगे खेलने का विकल्प नहीं था?

ऑस्ट्रेलिया में पिच की स्थिति स्पिनरों के लिए अनुकूल नहीं थी। टीम मैनेजमेंट लगातार स्पिनरों को बदलता रहा। कभी वाशिंगटन सुंदर, कभी रविचंद्रन अश्विन और कभी रवीन्द्र जडेजा को मौका मिला। इससे स्पष्ट होता है कि टीम को स्पिनरों पर पूरा भरोसा नहीं था। अश्विन का पिंक बॉल टेस्ट में बेहतरीन प्रदर्शन रहा था, इसलिए उन्हें एडिलेड टेस्ट में चुना गया था। लेकिन यह बात तो स्पष्ट है कि अगर अश्विन ने गाबा टेस्ट के बाद संन्यास न लिया होता तो यह कोई गारंटी नहीं थी कि उन्हें आगे के टेस्ट मैचों में स्थान मिलता।

क्या विदेशी धरती पर अश्विन का प्रदर्शन कमज़ोर था?

अश्विन ने टेस्ट क्रिकेट में अपनी पहली पारी से ही कई रिकॉर्ड तोड़ें और वो अबतक सभी टेस्ट खेले। लेकिन घरेलू सरजमीं पर अश्विन का रिकॉर्ड विदेशी धरती के मुकाबले बहुत अच्छा रहा। इस बात को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि भारत के बाहर अश्विन का प्रदर्शन इतना प्रभावशाली नहीं था, जितना कि भारत में था।

अश्विन के संन्यास के पीछे क्या वजह हो सकती है?

हाल के कुछ सालों में रवींद्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर ने अश्विन के विकल्प के रूप में तेज़ी से अपना स्थान बना लिया है। ज्यादा क्रिकेट सीरीज में एक ही स्पिनर को तरजीह मिलती रही है, विदेशी पिचों पर अक्सर चौथे तेज गेंदबाज को जगह मिल रही है। WTC फाइनल 2023 में अश्विन की जगह जडेजा का चुना जाना इस बात का संकेत हो सकता है कि उनके पास टीम में आगे खेलने की कम उम्मीदें बची हुई थीं। जब कोई खिलाड़ी अपने करियर के अंतिम चरण में होता है तो वह हमेशा प्लेइंग इलेवन का हिस्सा बनना चाहता है, अश्विन को भी यह सब पसंद रहा होगा।

अश्विन के टेस्ट क्रिकेट के आंकड़े: एक नज़र

अश्विन का टेस्ट क्रिकेट रिकॉर्ड बेहद ही प्रभावशाली है: उन्होंने 106 टेस्ट मैचों में 537 विकेट लिए, 7/59 उनका बेस्ट बॉलिंग रिकॉर्ड है। बल्लेबाज़ी में भी वह 151 पारियों में 3503 रन और 124 का सर्वाधिक स्कोर बनाया है। उनकी ओडीआई और टी-20 अंतरराष्ट्रीय करियर का रिकॉर्ड भी बहुत ही सराहनीय है।

Take Away Points:

  • रविचंद्रन अश्विन के अचानक संन्यास से क्रिकेट जगत हिल गया है।
  • अश्विन के संन्यास को लेकर कई कहानियां सामने आ रही हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वास्तव में क्या हुआ।
  • ऑस्ट्रेलिया दौरे में टीम प्रबंधन की स्पिनरों के प्रति अनिश्चितता और विदेशों में अश्विन के प्रदर्शन के संघर्ष ने उनके भविष्य को प्रभावित किया हो सकता है।
  • अश्विन का रिकॉर्ड बेहतरीन रहा है और उन्हें हमेशा याद रखा जाएगा।