रविवार को गिरिडीह सदर अस्पताल में इलाज व्रत एक कोरोनावायरस व्यक्ति की मौत हो गई सदर अस्पताल प्रशासन ने मृतक व्यक्ति के शरीर को बिना टाइप किए ही श्मशान घाट भेज दिया वही अपनी जान जोखिम में डालकर शवों का दाह संस्कार कर रहे युवाओं रॉकी नवल भी परेशान है, सबसे दूर रहते हैं ऐसे में उन सब का अंतिम संस्कार अपनी जान जोखिम में डालकर जमाल युवा रॉकी नवल आदि कर रहे हैं बिना पैक किए सब अंतिम संस्कार ही तो श्मशान घाट जाने की सूचना कई बार स्वास्थ्य विभाग और सदर अस्पताल को दी जा चुकी है,लेकिन अब तक इस पर कोई पालन नहीं किया गया है,उन्होंने कहा कि इस तरह बिना टाइप किए शव का अंतिम संस्कार,करने में उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, साथ ही संक्रमण का खतरा काफी बढ़ जाता है,लेकिन अस्पताल प्रबंधक की कुंभकरण की नींद टूटने का नाम ही नहीं ले रही है,
ऐसे, लापरवाह प्रबंधक पर, शासन प्रशासन मेहरबान क्यों है, यदि आम ग्रामीण वाले, इस तरह की लापरवाही बरती जाती है तो, प्रशासन के ही, अमला अधिकारी उन पर, f.i.r. कर कर दिया जाता है, आखिर इन गरीब संक्रमित परिवारों की मदद के लिए, केंद्र सरकार से लेकर बड़े-बड़े उद्योगपति भी मदद कर रहे हैं, ऐसे दुखद घड़ी में अस्पताल प्रबंधक पर उचित कार्यवाही क्यों नहीं किया जा रहा है,,, एक बार फिर अस्पताल प्रबंधक परिजन लोग आरोप लगा रहे हैं,,